Divya tripathi   (Divya tripathi "dolly")
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Joined 28 August 2018


Joined 28 August 2018
8 APR 2023 AT 22:39

ऐ ज़िंदगी ...
हम तुझे जी रहे या तू मुझमें जी रही।
गुस्ताखियाँ किये क्या जो सज़ा दे रही।
ज़ुल्म क्यूँ इतने तू मुझपे कर रही।
तक्कलुफ़ ना कर...यूँ खुशियाँ देने की,
ग़मों के तोहफ़े यूँ दिए जा रही।
जाना कहीं और कहीं और जा रही।
हम तुझमे जी रहे या तू मुझमें जी रही।।

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23 SEP 2020 AT 2:00

दिल तो इश्क़ में जागे हैं रात भर ...
"मेरा चांद और मै "
एक दूजे को ताके हैं रात भर...

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21 SEP 2020 AT 1:27

तन्हा थे हम दोनों ही ... हालात अजीब थे
तकते रहना यू चांद को ....जैसे मेरे हबीब थे...
.यू तो मिलते नहीं हम दोनों ऐसे नसीब थे...
दूर थे दोनों ....बस एक " गलतफहमी "
हम उनके करीब थे|

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19 SEP 2020 AT 10:36

पत्थर से दिल लगा के...
हम भी पत्थर बन जाएंगे....
आओगे जब लौट के तुम हम ढूंढने ...
.तब तक हम खुदा बन जाएंगे

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18 SEP 2020 AT 14:02

लगता है इश्क़ मेरा पुराना हो गया..
दिल दुनिया से बेगाना हो गया...
मिलने का मन होता जिनसे हर शाम को
नहीं मिलने का अब बहाना हो गया..
तरसते थे जिनकी एक झलक कि खातिर..
उनकी तस्वीर देखे भी एक जमाना हो गया|

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17 AUG 2019 AT 11:29

अब लौट के आई हर खुशियां
महक उठी मेरी बगिया
सारे गम चले गए
यादों की पेटी में
अब जिऊंगी अपना बचपन अपनी बेटी में ....blessed with a baby girl

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21 APR 2019 AT 20:36

ए जिंदगी तुझसे अब क्या तेरी शिकायत करूं
हर दर्द में साथ देने का वादा किया
अब हुआ क्या जो यूं मुकरने लगी
कहा था सफर में साथ दोगी मेरा
अब हुआ क्या जो यूं बिछड़ने लगी
खुश रहो हमेशा यह बोला था तुमने
अब हुआ क्या जो यूं रुलाने लगी
मेरी जिंदगी मुझे तू क्यों सताने लगी
तेरे सहारे ही चलना था मुझे
साथ छोड़ मेरा अब कहां जाने लगी.....

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14 FEB 2019 AT 14:15

ख्वाहिश है सिर्फ....
तु मुस्कुराए हमेशा
मेरे पास रहे या दूर
मिले ना हम कभी एक दूसरे से
पर जिक्र हो जरूर
बातें हो या ना हो पर याद जब आए ...
तो लगे नहीं है तुझसे दूर
तेरा हर "ख्वाब मुकम्मल"
खुशियां मिले भरपूर
ख्वाहिश है सिर्फ इतनी
तू हर हाल में मुस्काए
मेरे पास रहे या दूर

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1 JAN 2019 AT 0:39

नया क्या है नया साल में
कोई बताओ तो सही
बदलेगा सिर्फ कैलेंडर
बाकी तो सब है वही.. खेतों में फसल वही
फिजाओं का रंग वही ..क्लास वही लिबास वही
बदला क्या बताओ तो सही
सभ्यता नहीं है अपनी ..अपनाए क्यों यह रीत नई आएगा नया साल जब सुनेंगे कोयल की कुकू
बरसेगा फागुन का रंग नया ..बच्चों के मन में उल्लास नया क्लास नया लिबास नया ..होगा अपना साल नया

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25 OCT 2018 AT 17:50

लाइफ बिग बॉस के गेम जैसी है
जीतना सबको है ,सबको आगे बढ़ना है
लेकिन किसी का साथ नहीं
देना है मुश्किलों में
जब तक अपना स्टैंड नहीं लेंगे
तब तक हम भी आगे नहीं बढ़ पाएंगे
खुद को स्ट्रांग बनाना पड़ेगा
नहीं तो हर कोई हमारा फायदा उठाएगा
और आगे बढ़ जाएगा
ऊपरवाला बिग बॉस
हमें हर वक्त देख रहा है
समय आने पर अपना फैसला सुना देगा!

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