दिvya Tiwari   (Divi)
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एक चिड़िया अपनी मजिंल की तलाश में ।।
Joined 12 July 2019


एक चिड़िया अपनी मजिंल की तलाश में ।।
Joined 12 July 2019
28 DEC 2019 AT 21:40

,,,, चलो थोड़ा बदलते है
नया साल आ रहा है अब सम्हलते है,,
गुम सा था मेरा आशियांँ,
मुस्कुराहट से उसको खुशीयों में बदलते है,,

कुछ वजह से मैं-- मैं नहीं था,

रूठ लिया, मना लिया और रातों को अकेले " रो "भी लिया बस,,
अब अपने घर के दिएँ रोशन करते हैं
,,, चाहत तो यही है कि इस बार कर दूँ सबकी ख्वाहिशें पूरी
जिन अपनो दर्द मेरे सामनें छलकते हैं ।।

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6 OCT 2019 AT 22:25

Hello,,

वो लोग जो दुर्गा पूजा का उत्सव बड़ी ही श्रद्धा से कर रहे हैं, 🙏

उन्होनें मूर्ती के अलावा कभी देवी जैसी औरतों और लड़कियो का सम्मान किया है क्या??🤔

नहीं न....

तो फिर ये 9 दिन का दिखावा न करें ।।।।


।। जय माता दी ।।

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1 OCT 2019 AT 16:31

You are like coffee
When I add sugar as your smile its perfect 👌

You are like coffee
When I smell,, it seems you're with me🤗

You are like coffee
When I taste,, it make my day energetic and full of joy... 😚

You are like coffee
When it add to much 🤔😒i throw it in dustbin 😂😂......

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1 OCT 2019 AT 10:26

Every morning when I wake up 🙋
I check my WhatsApp 🕵
to see your msg for lovely morning starter💖❤ and your morning wish make my whole day happy happy 💕😊

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19 SEP 2019 AT 0:06

उन मरहून हवाओं से पूछीऐं जो रात मुझे रोते हुए देखती हैं ।।

कोई समझता क्यूं नहीं की मेरे पास भी दिल है...
फर्क इतना है की बचपना छोड़ दिया ।।

जाने किसकी हमें लगी हैं नजर ,,
अरसा बीत गया मैंने तो अब हँसना भी छोड़ दिया ।।

ढल गया हूँ इस दुनिया के रिवाज मे,,
छिपा लेता हूँ दर्द और शिकायत करना भी छोड़ दिया ।।

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16 JUL 2019 AT 10:17

क्या ऐसा भी होता है मुझे पता न था,,
मेरा सब कुछ वो और उसमें मैं कहीं न था ।।🍂

वो लोग जो मेरे अपने थे मेरे कंधे से जुडे़ थे,,
आज पता चला वो एक झूठा सपना सा था ।

नम आंखें भी अब शांत हैं और जहाँन मुझ पर मुस्कुरा रहा
"रे पागल! तू तो कहीं न था ।"
मैं खुशी के कुण्ड 🔥में अपनी ही आहुति देता रहा
फिर
जलता रहा जलता रहा और जलता ही रहा 🔥🔥
अब तू बता मैं इतना तो बुरा भी न था ।

अरे! कभी तो बन कर बारिश🌧 बरस जाता मेरे भी आँगन में.......
तेरे लिए तो ये इतना मुश्किल भी न था ।।🍂🍁

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14 JUL 2019 AT 0:27


सितारो की चादर ओढ़े चाँद मुस्कुरा रहा
रात के आँगन में ।।

जुगनू लोरी गुनगुनाएे चला जा रहा
रातरानी बिखेर रही अपनी लता,,

चाँद की आगोश में मन चकोर सा निखर रहा
लग रहा समेट लू सारा जहाँ,,
मैं अपने दामन में ।।

आऔ बैठो जरा,, कुछ पल साथ बिताना चाहती हूँ
रात के आँगन में ।।

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13 JUL 2019 AT 13:29

तुमसे किसने कहा

मैं रूठ गई और दूर जा रही हूँ
तुम ही तो रूह हो मेरी क्या तुम्हे नही पता

तुमसे किसने कहा

मुझे अहसास नही तुम्हारी नम आंख का,,,,

तुम एक किताब हो जिसे मैं पढ़ती जा रही हूँ
कितनी मोहब्बत है तुमसे , कैसे करें ये लफ्ज़ जतां ।।

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13 JUL 2019 AT 1:35

किसे यहाँ अब नींद आ रही है
मेरे तो सपने मुझे सोने नहीं दे रहे ।

हंस कर कह गई पडोस वाली चाची,,,
कमबख्त बडी कामचोर है कितना पढ़ेगी...

अब मैं क्या बोलू,..... 🤔

मेरे पखं तो अभी अभी खुले हैं ये नीला अबंर भी मुझे बार बार बुला रहा 🍂

और एक आप है जो मुझे मेरी उडान भरने नहीं दे रहे ।।

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