मेरे कहानियों को बड़े ध्यान से सुनती है..
मेरे अटपटे से प्रश्नों का उत्तर भी..
बड़े धैर्य से देती है..
विद्यालय जाने से लेकर..
मेरे बालों को बनाने और..
खाना खिलाने के बाद..
वो खुद खाना खाती है..
वो माँ है..
जो मुझे मुझसे बेहतर जानती है..
मेरे खुश हो जाने पर..
वो भी खुश हो जाती है..
मेरे नाकामियों पर मुझे..
हौसलों से भर जाती है..
मुझे दर्द में देखकर..
वो रातों जग जाती है..
बिना कहे वो मेरे..
अनकहे सवालों का जबाब दे जाती है..
वो माँ है..
जो मुझे मुझसे बेहतर जानती है..-
अत्यधिक लोगों से..
बातचीत..
अत्यधिक भरोसा..
अत्यधिक लोगों से..
लगाव..
अत्यधिक प्रेम..
अत्यधिक लोगों से..
लगाई गयी उम्मीदें..
अंत मे व्यक्ति को..
अत्याधिक कष्ट और..
मानसिक पीड़ा..
पहुंचाती है..-
कितना टूटी है वो..
अब किसी को वो नहीं बताती..
रातों को घंटों जग जाती है..
अब वो किसी को नहीं जगाती..
दिल के दर्द को आंसू में..
बहाकर निकाल देती है..
अब वो किसी से..
कुछ भी नहीं कहती..
हर वक़्त खुद को व्यस्त रखने के लिए..
मोबाइल और सोने में बीता देती..
अब वो किसी को भी..
अपना हाल नहीं बताती..
होठों को सीकर..
हँस कर सब बातें..
अब वो स्वीकार लेती है..
अब वो किसी से बहस और..
झूठी उम्मीदें नहीं लगाती..
कितना टूटी है वो..
अब किसी को वो नहीं बताती..-
तेरा नाम लूँ तो दिल में..
सुकून भर जाता है..
दुःख,दर्द से दिल को..
थोड़ा आराम आ जाता है..
मुरलीधर,कन्हैया,गोपाल..
सभी तेरे ही है नाम..
तेरे बाँसुरी की धुन से..
दिल को चैन मिल जाता है..
राधा का प्रेम और गोपियों की..
रासलीला की कहानी को सुनकर..
दिल मंत्र मुग्ध हो जाता है..
तेरे नाम लेकर..
रोता हुआ व्यक्ति..
हँसता दिख जाता है..
तेरे नाम लेने भर से...
संसार रूपी भव सागर से..
तर जाता है..
तेरा नाम लूँ तो दिल में..
सुकून भर जाता है..
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें..🙏🙏-
हिंदुत्व की परिभाषा है..
हमारा देश..
अनेकता में एकता का..
मार्गदर्शक है..
हमारा देश..
वीर बहादुरों की धरती से..
सजा है हमारा देश..
क्रांतिकारियों की कहानियों की..
गाथा है हमारा देश..
शौर्य और समृद्धि से सजा..
स्वर्णभूमि कहलाता है..
हमारा देश..
भगत सिंह,तात्या टोपे,महात्मा गाँधी जैसे..
महापुरुषों के शौर्य से..
रंगा है हमारा देश..
बलिदान हो गए..
शहीदों की मातृभूमि है..
हमारा देश..
हिंदुत्व की परिभाषा है..
हमारा देश..-
कुछ मम्मी जैसा..
कुछ पापा जैसा होता है भाई..
कुछ मनमानिया..
कुछ शैतानिया..
मनवाता है भाई..
जिंदगी खूबसूरत हो जाती है..
जब सब कुछ समझता है भाई..
मेरे चिल्लाने से लेकर..
चिढ़ाने तक को समझता है भाई..
हाँ..
कुछ मम्मी जैसा.
कुछ पापा जैसा होता है भाई..
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं..-
जब पाँव तुम्हारे रुक जाएँ..
आँखों में अश्रु भर जाये..
घनघोर अंधेरा छा जाए..
जीवन विपदा से भर जाए..
जब मन की सारी उम्मीदें..
आग बनकर फूंक जाए..
जीवन के कालचक्र में..
अगर कहीं तुम घिर जाओ..
युद्धभूमि में तुम हारे भी तो..
तुम मन को छोटा मत करना..
बस तुम हिम्मत कर चलते रहना..
जब कहने वाले कहते हों..
जब जख्म हद से ज्यादा गहरे हों..
हर ओर निराशा छाई हो..
जब पीड़ा अधिक कष्टदायी हो..
दुनिया तुमको समझाएगी..
चलते राह से भटकायेगी.
तुम फिर भी अपने मन की सुनना..
चुप रहकर भी अपनी करना..
बस तुम हिम्मत कर चलते रहना..-
Yeh kalyug hai..
यहाँ मासूमियत मजाक..
और सच्चाई धोखा बन चुकी है..
भावनाएँ और प्रेम..
दूषित हो चुकी है..
जीवन कर्म में.
मलिनता हावी हो चुकी है..
जहाँ शिक्षा व्यवसाय..
और लोगों के मन में..
राग द्वेष अपनी जगह..
स्थापित कर चुका है..
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जब लोग पूछते हैं..
तुम्हारे पापा कहां हैं..?
तब जुबां खामोश..
और दिल में अजीब..
तूफान और हलचल होती है..
क्या बताऊँ लोगों को..
पापा बस अब तस्वीर और दिल में हैं..
बीच बीच में पापा का..
चाय के लिए बुलाना..
याद आ जाता है..
घर से बाहर निकलने पर..
पापा का घर पर पहुँचने..
के लिए फोन कर पूछना..
याद आ जाता है..
जब लोग पूछते हैं..
तुम्हारी मम्मी कहाँ हैं..?
तब दिल अजीब कश्मकश में..
और ओंठ खामोश हो जाते हैं..
क्या बताऊँ लोगों को की..
मम्मी अब बस तस्वीर और दिल में हैं..
सोते समय याद आ जाती है..
मम्मी की लोरियों की..
कहीं जाते वक्त रोक कर..
मम्मी के जरूर एक रोटी खिलाने की..
तकलीफ हो जाने पर..
मम्मी के गले लगकर रोने की..
जब लोग पूछते हैं कि..
तुम्हारे अपने कहाँ है..
दिल अब बस..
मन मसोसकर रह जाता है..-
बहुत कुछ लिख लिख कर..
मिटाया है मैंने..
अपने आंसू को भी..
हर किसी से छिपाया है मैंने..
दर्द में मुस्कराने का..
हुनर भी अपनाया है मैंने..
अपनों को खोने का गम भी..
जीते जी सहा है मैंने..
जहाँ हर कोई दर्द में..
रहकर रो देता है..
वहां पर मजबूत बनकर ..
दिखाया है मैंने..
बहुत कुछ लिख लिख कर..
मिटाया है मैंने..
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