तुम्हें तो जिंदगी का हर दुख बताया था,
तुम्हारा तो हक नहीं बनता था दुख देने का..-
गलत ना होते हुए भी गलत हो जाना आसान लगा मुझे क्योंकि,
सही होकर भी खुद को सही साबित कर पाना कठिन लगा मुझे..-
दूसरों के लिए खुद को खो देने वाली मैं ,
मैने किसी के अंदर अपने लिए अपनापन नहीं देखा..-
जिंदगी हैं ना जनाब, तकलीफें तो होगी ही।
वरना मरने के बाद तो,
जलने तक का एहसास नहीं होता।।-
जिंदगी तस्वीर भी है और तकदीर भी,
फर्क तो सिर्फ रंगों का है।
मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर,
अनचाहे रंगों से बने तो तक़दीर।-
प्यार को आदत बन जाना चाहिए,
लेकिन आदत बन जाने के बाद ,
उससे प्यार नहीं कम होना चाहिए।-
वो जानते हैं,
मेरे जितनी मोहब्बत उनसे
कभी कोई नहीं कर सकता।
और मैं जानती हूं,
उनके अलावा मैं किसी और से
मोहब्बत कर ही नहीं सकती।-
क्योंकि जो अच्छा लगता हैं,
वो हर हाल में अच्छा लगता हैं।
और जो अच्छा नहीं लगता,
वो चाहे माथे पर चांद सजाकर आ जाए..
कोई फर्क नही पड़ता।-
मैं जैसी हूं, वैसे अपना लिया था उसने।।
जब दुनिया सलाह दे रही थी।
तब साथ दिया था उसने।-