उन घावों को
जो तुम अपने तीक्ष्ण कटाक्ष बाणों से करते हो
कभी सोचा है बैठ कर क्या असर होता है उनका
अगर सोच सको तो सोचना साथ ऐसे हर कोई नहीं रहता, साथ ऐसे हर कोई नही देता
हमेशा याद रखना
चाहे जो तुम्हें पूरे दिल से मिलता है वो मुश्किल से
ऐसा जो कोई कही हो उस हाथ को तुम हमेशा थाम कर रखो
वो क्या पता कल हो ना हो...
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