बिना घिसे हीं क्या कभी हीरा चमकता है
दुवाएं साथ हो मां के तभी किस्मत बदलता है
मेरे होठों पे है मुस्कान तुम्हें ताज़्जुब है लेकिन
दर्द मेरा मेरी मां के आँखों से छलकता है-
और प्राण कविता से मिली!
मेरा दिल हुआ कवियों सा,
और धड़कन गुंजीं गीतों ... read more
खुद में अच्छाई और दूसरों में बुराई ढूँढना
उतना हीं आसान है जितना मिट्टी से मिट्टी पर मिट्टी लिखना!
खुद में बुराई और दूसरों में अच्छाई ढूँढना
उतना हीं मुश्किल है जितना पानी से पानी पर पानी लिखना!!-
रूह ने तेरे मेरे रूह को छुआ है
आंखों में तू रहे आंखों की दुआ है
ऐसा तो पहले कभी ना हुआ था
तुमसे मिलकर जो कुछ हुआ है
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जो काम था दरिया का वो साहिल ने कर दिया
जिंदगी के हवाले मुझे कातिल ने कर दिया
इन आंखों की खाता इतनी है कि देखा है तुम्हें
बाकी का सारा काम तो इस दिल ने कर दिया
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शब्द अबोले रहे मौन सब कह गया
झुकी पलकें मोहब्बत की भाषा हुई
ना तो हमनें कहा ना तो तुमनें सुना
आंखों की आंखों से बात तो हो गई
ऐसे हम तुम मिले फिर कोई ना मिले
नदियां सागर में मिल कर के ज्यों खो गई
प्रेम की सब कसौटी है छोटी मगर
चुप्पियां प्रेम की परिभाषा हुई
शब्द अबोले रहे मौन सब कह गया
झुकी पलकें मोहब्बत की भाषा हुई-
तू पास मेरे सब खास लगे
तुम बिन झूठी अरदास लगे
जो तू ना मेरे पास पिया
बैमानी हर एक साँस लगे-
भले हों ठोकरें अनगिन
पड़े सौ दर्द भी सहना
समंदर से मिले बिना
नदी कब छोड़ती बहना
मिला तुमको जो मिलता
बड़ी मुश्किल से ये पल है
इरादे नेक हो गर तो
सभी मुश्किल का हल है
ना करना कुछ शिकायत तुम
किसी से कुछ नहीं कहना
समंदर से मिले बिना
नदी कब छोड़ती बहना-
ओ मेरी पहली प्रेमिका
तुम्हारी यादें
पुराने पांच सौ
और हजार के
नोट जैसे हैं
नहीं भजेंगे अब
इस गुलाबी बाजार में-
पत्र अवाचित रहे स्वर अबोले रहे
प्रेम की बात पर मौन सब कह गया
हमनें पुछा बताओ कि क्या चाहती हो
सिर्फ़ इतना कहा दिल बहुत है जला
आँख से आँख की हुई संवाद फिर
अपने घर वो चली अपने घर मैं चला
ना गरज हीं सका ना बरस हीं सका
अश्रुपूरित हमारा नयन रह गया
पत्र अवाचित रहे स्वर अबोले रहे
प्रेम की बात पर मौन सब कह गया-
दुनियां में सबको प्यार मिला
मेरे सिर्फ़ जुदाई है
है ऐसा ज़ख्म कमाया मैंने
दर्द हीं जिसकी दवाई है-