"शिव बता जाते ,गरल सुधा से मोहब्बत कैसे करें,
जो गरल है,उन्हें कंठ तक रखे।
औऱ जो सुधा है,उन्हें मस्तिष्क पर धारण करे।'-
ख़ुदा करें हर खुशी मिले आपको,
जिंदगी में कोई ग़म ना आये आपके।
उम्र भर यूँही मुस्कुराते रहो,
अपने हुनर से दिलों पर राज करती रहो।
सफलता का काफ़िला चलता रहे,
जो चाहे वही मिलता रहे।
जन्मदिन हो आपका मुबारक़,
जिंदगी का हर फ़लसफ़ा मुबारक।
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शुक्रिया, Thank you, धन्यवाद,
यह सब शायद बहुत कम है उस प्यार के बदले जो आप सब ने मुझे इस पूरे दिन में दिया|
Actually I am really happy from getting lots of messages, call,WhatsApp status of story and etc.... And specially feeling happy about getting unexpected call, message via some person.....
And that all things which make my day and more special
आपकी दुआओं में मेरा आशियाना सदा खिलता नजर आए.....
मेरे जन्मदिन पर खुद अगर सुने भगवान मेरी, तो आप सब मुझसे भी ज्यादा खुशियां पाए।
#heartily thanku..🤗-
रसोई घर में रखे मसालों की खुशबू में माँ,
अचार के तीखे पन में माँ,
तो पापड़ के चटपटे स्वाद में माँ,
आँगन में लगे तुलसी के पौधें की हरियाली में माँ,
खिड़की से छनकर आती सुनहरी धूप की रोशनी में माँ,
पूजा घर में रखी रामायण की चौपाई में माँ, ऐसी कोई जगह नहीं माँ, जहां तुम नहीं।
तुम दूर हो तो क्या ,हर पल मेरे ही साथ रहती हो माँ।-
दुआओं का असर हो इतना,
आसमान में तारों जितना।
चेहरे पर रौनक हो उतनी,
सूरज में चमक हो जितनी।
ग़मों मे भी ये चेहरा हसंता रहे,
चाँद सूरज तेरे दामन में जँचता रहे।-
मैं जानती हुँ, मैं शून्य हुँ, तुम इकाई हो जाना ,
तुम अपने वाई तरफ नही ,तुम अपने दायीं तरफ बैठाना
तुम्हारे आने से मेरी भी क़ीमत बढ़ जाए,
मेरे होने से तुम्हारी भी क़ीमत बढ़ जाए।
किसी भी निर्णय में मेरी भी बराबर की भागीदारी निभाना।ख़ुद से पहले मेरा जबाब सुनना।
मेरे भी सपने,इच्छाओं का तुम बखूबी ध्यान रखना,
तुम मुझे अपने वायी तरफ नहीं, दायीं तरफ रखना।-
let's colour our differences and water our dying hopes.let's reunite and celebrate this festival of togetherness.
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कई मर्तबा मेरी तुम्हरी बात भी होगी ,
मुलाक़ात भी होगी।
पर उनमें अब वो बात न होगी।
कहने को आज भी मुझे तुमसें मोहहब्बत है,
पर अब ये मोहहब्बत यूँ बर्बाद न होगी
किसी शाम जब न लगे दिल ,
तो आ जाना मेरी गली।
पर ये शाम,चिराग़ न होगा।
अब वो बात न होगी।-
मैं ऋणी रहूँगी ,उन पिताओं की जिन्होंने अपनी बेटी को इतना काबिल बनाया,की उन्हें आत्मनिर्भर बनाया।
इसलिए नहीं कि वो परुष की बराबरी कर पाएं। (मेरा मानना है, परुष कभी महिलाओं के बराबर नहीं हो सकते ।न महिला परुष के औऱ न ही परुष महिला के,वो एक दूसरे के पूरक है।)बल्कि इसलिए उन्हें यकीं दिलाया,तुम सृजना हो।तुम इस सृष्टि का सृजन कर सकती हो।
तुम कुछ भी कर सकती हो।तुम सब कुछ कर सकती हो।-
पायल की झंकार तुम ही से,
तो,चुडियों की खनखनाहट में तुम हो।
नीले अम्बर की तरह फैलाएँ अपने आँचल को,
ममता की मूरत में तुम हो ,
ममता की मूरत में तुम हो।
चाँद पर पहुंचती कल्पना हो तुम,
नौसेना में परचम लहराती शिवांगी हो तुम,
नभ को छूती हिना जायसवाल हो तुम,
देश संभालती इंदिरा हो तुम,
देश संभालती प्रतिभा हो तुम।
देश की तीनों सेनाओं का गौरव बढ़ाती तुम,फाइटर पायलट अवनि चतुर्वेदी हो तुम ,
घर की रसोई हो तुम ,
इस विश्व का आधार हो तुम ,-