अनगिनत ख्वाहिशों के कांच बिखरे पड़े हैं ज़िंदगी की सड़क पर..
सच्चाई को वाहन बना उन्हें कुचलते हुए जाना है..!!- VaaNi{वाणी}
31 JAN 2019 AT 5:48
अनगिनत ख्वाहिशों के कांच बिखरे पड़े हैं ज़िंदगी की सड़क पर..
सच्चाई को वाहन बना उन्हें कुचलते हुए जाना है..!!- VaaNi{वाणी}