Divy Sen   (Divy)
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Epigrams of untended life
Joined 22 January 2018


Epigrams of untended life
Joined 22 January 2018
1 APR 2021 AT 23:24

बात नहीं करते मुझसे, नालायक मुझे समझते हो।
मेरे जैसे वफा की उम्मीद, तुम औरों से करते हो ।

गलती तुम्हारी नहीं, केवल मेरी तकदीर की है ।
शायद मेरे हाथों में, तुम्हारी कोई लकीर नहीं है ।

इन सात सालों में सिर्फ, एक बार मदद तुमने मांगा ।
तब भी डर के मारे मेरा, हिल गया था बुद्धि का धागा ।

वो आशिक नहीं हूं मैं जो जताए प्यार चीख चीख ।
क्युकी बिन मांगे मोती मिले मांगे मिले ना भीख ।

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1 APR 2021 AT 23:01

ज़िन्दगी देख उसकी दुर्गम जिजीविषा,
अपनों के चक्रव्यूह में कैसे वो पिसा ।

हर घर में बैठे आज शकुनि और दुर्योधन,
जिनके हृदय में खटकता पराया धन ।

शठ संग बिनय कुटिल संग प्रीति,
लखन जी की यह सरल युद्ध नीति ।

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18 MAR 2021 AT 20:44

वो जड़िया है साहब, नगीने जोड़ता है,
मोती हो या मनके, सबको पिरोता है ।

असली है या नकली, वो सब जानता है,
इंसान हो या पत्थर, सबका फर्क पहचानता है।

पारखी नज़र है उसकी, हौले से मुस्काता है,
एक नज़र में वो, हीरा पहचान जाता है।

बिखरे मन के मनकों को पिरोना उसका काम है,
ढाई अक्षर का छोटा सा उसका नाम है।


- Divy

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17 MAY 2020 AT 15:39

इन खदानों में ही मिलेंगे हीरे दो चार,
जो पाए और तराश ले वही रत्नकार ।

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18 APR 2020 AT 16:30

तुम्हारा ये झूठ भी सच बयां कर जाता है,
ये दास्तां ही तो है जो रोज मेरे ख़्वाबों में आता है ।

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3 JAN 2020 AT 14:05

देखते ही देखते हो गये २४ बसंत पार
देखा है हमने इस दुनिया के रंग हज़ार,
जानते हैं हम कुल की रीति नीति मर्यादा
रहेगा विचार उच्च और जीवन सादा,
दुनिया की तो रीत है ये कुछ भी कहते रहेंगे
हम लम्बी दूरी के राही,‌ यूं ही चलते रहेंगे ।

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20 OCT 2019 AT 13:04

सब एक नजर देख बढ़ जाते हैं,
मैं वक्त के शोकेस में मौन पड़ा हूं।
लोग घमंडी कह जाते हैं,
मैं अपने स्वाभिमान पे अडा हूं।
सब देते हैं मदद की बैसाखी,
देखो मैं अपने पैरों पे खड़ा हूं।
आप सब जो कहते हैं स्वार्थी और चालाक,
मान्यवर, मैं बस अपने उसूलों का कड़ा हूं।

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27 MAY 2019 AT 6:15


#copied #epigram

All things pass
Love and mankind is grass.

— Stevie Smith

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