आज मैंने जाना डर क्या होता है।
ऐसा नहीं है की इससे पहले कभी डरा ही नहीं था मैं,
मगर आज से पहले डर से यूँ रूह बेचैन नहीं हुई थी।
इस डर की वजह पढ़ाई, परीक्षा या नौकरी नहीं है,
बल्कि बहुत ही मामूली चीज है “साँस”
हाँ! इस डर की वजह साँस है।
झूँठ नहीं कहूँगा की खुद के लिए डर नहीं है,
मगर खुद से ज़्यादा अपने परिवार के लिए है,
अपने दोस्तों के लिए है
और शायद हर किसी के लिए है।
पैसा और कमाया जा सकता है, शोहरत वापस पाई जा सकती है,
मगर इन साँसों का साथ छूटा तो सब ख़त्म।
तो हाँ आज मैंने जाना कि ये डर क्या होता है?
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