एक बात कहु ..........
यार मै friend बहोत् लोगो की हु लेकिन'
खास किसी के लिए नहीं...
मै अपनी हर बात सबसे बोल जाति हु
लेकिन वो कभी अपनी बात मुझे बतादे
ऐसा कभी होता नहीं
क्युकी उनके पास मुझसे भी बेहतर
होता है कोई ना कोई
मै सबकी खुशी या दुख मे हमेसा
उनके साथ हु
लेकिन कोई मुझे साथ दे ऐसा कोई नहीं
अक्सर अकेला छोड़ जाते है मुझे सब
बाते तो बहोत होती है लोगो से मेरी
लेकिन कोई मेरी बात समझ पाये
ऐसा कोई दोस्त मेरे पास नहीं
क्या दोस्त बानाना इतना कट्ठीन होता है
यार मै इतनी भी बुरी नहीं हु जितना
लोग सोचते है
ओर ऐसी बात नी है की मै हमेसा उदास
रहती हु बिल्कुल भी नहीं
बस बात इतनी सी ह की जब किसी
की जरूरत होती है अकेली पड़ जाती
हु हमेसा........
दोस्ती तो सबसे है लेकिन...........
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