🖤 Someone asked me,
“Are you lost enough to be found?”
And I whispered,
“Yes… still a little lost,
but on a journey — one that will surely
lead me home to myself."
— (Right now, I’m somewhere in between)-
To live own dreams & turn fantasies into realities... 🦋
सोच क... read more
इन्सान, अपनी ज़रुरत के हिसाब से अच्छा-बुरा होता है,
दोनों ही पहलुओं में,
जब मैं किसी की बात करूं, या मैं अपनी बात करूं।
कोई इन्सान किसी ना किसी के लिए अवश्य अच्छा या बुरा होता है।
जब मैं किसी की बात करूं, या मैं अपनी बात करूं।
इन्सान, अपनी ज़रुरत के हिसाब से अच्छा या बुरा होता है,
चूंकि इन्सान कभी अच्छा या बुरा नहीं होता है।-
"Emotional stability holds greater value than a dramatic nature in any relationship."
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हर समय की अपनी कुछ कहानी है,
कुछ अच्छी और कुछ ना मन को भानी है,
वक्त के चक्र में हम सभी एक कहानी है।-
कुछ खोने का न डर मुझे
मुझे डर है वो छिन लेंगे
मेरी दौलत नहीं,
मेरा ज्ञान नहीं,
मेरा मान नहीं, सम्मान नहीं,
अपितु मेरी आत्मा में लिप्त मेरी मासूमियत!
जवानी में लिप्त मेरी बचकानियत!
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दुनिया से कुछ यूं बेखबर हुआ हूं
जिंदगी की किताब के पन्नों में
सूखे गुलाब-सा क़ैद हुआ हूं
किताब जो गर खुले,
हर्फ़-दर-हर्फ़ कोई पढ़ें,
तो गुलाब की कुछ बात बने।
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इंसानों से भरे इस ग्रह पर,
मुश्किल है कोई अपना-सा मिलना, यूं... मिलते तो है कईयों से,
मगर मुश्किल है विचारों का मिलना।-
"मैं" मैं न रहा
"तुम" तुम न रहे
इस पल में थे यहां
उस पल में न रहे
जीवन के चक्र का खेल था
एवं मैं मूढ़ मानुष, ताउम्र
अपनी हार-जीत ढूंढता रहा
न हार रही, न जीत रही।-