मर गए हम खुली रही आँखे,
येह तेरे इंतज़ार की हद थी-
Dirghayu Ghatole
(एक खानाबदोश)
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Traveler of space and time
Joined 27 March 2017
22 SEP 2023 AT 18:20
मेरे बागीचे के फूल मुरझाये हुए हैं
दीदार हो तुम्हारा तो खिल जाये फिर-
27 APR 2018 AT 1:31
अब कहाँ हूँ कहाँ नहीं हूँ मैं,
जिस जगह हूँ वहाँ नहीं हूँ मैं ।-
20 MAR 2018 AT 14:37
ये खुले खुले से गेसू इन्हें लाख तुम संवारो
मेरे हाथ से संवरते तो कुछ और बात होती-