पहला प्यार हमसे छूटता नहीं,दिल ना जाने उससे कयों टूटता नहीं, नाराज हो जाता है वो कभी कभी,लेकिन मेरा दिल उससे रूठता नहीं, उसकी मंजिल मेरे रास्ते में कहीं नहीं,ये जानता हूँ मैं लेकिन ये दिल है कि उसके गली जाना कभी भूलता नहीं।
एक लडकी थी बिलकुल चांद जैसी । जिसकी रोशनी हर वख्त मेरे दिल को छू जाती थी । जैसे कि मेने कहा वो चांद जैसी थी, उस पर भी कई दाग थे । लेकिन मुझे सीर्फ उसकी रोशनी ही दिखाई देती थी उसकी रोशनी के सामने मे वो दाग नहीं देख पाता था । लेकिन जैसे पूनम के चाँद के बाद उसकी रोशनी कम होती जाती है, वैसे उसकी रोशनी भी कम होती गई । आखिर एक दिन सारी रोशनी चली गई और हर तरफ अंधेरा छा गया । लेकिन दूसरे दिन रोशनी आई लेकिन वो रोशनी मेरे लिए पहले जैसी नहीं थी कयोंकि मे उस चांद का अंधेरा देख चुका था । इस लिए अब वो रोशनी मेरे लिए कोई मायने नहीं रखती थी ।