इश्क़ की किताब में
सबकी लिखी कहानी है
कुछ सबसे अनजाना है
कुछ जानी पहचानी है
पढ़कर मर्म समझना है
फिर दुनिया को समझानी है-
दीया जलता ज्ञान का,
उजियारा चहुँ ओर।।
तम हरती दीपावली,
निशा बनाए भोर।।
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नमन, माँ शारदे
नमन, लेखनी
लेखन हो या लेखनी, आप बनें आधार।
मिलती है संजीवनी, मिलता है विस्तार ।
जन्मदिवस ये आपका, अवसर बड़ा महान ।
हर्षित मन से आपका, करते हैं सम्मान ।
सुख आरोग्य मिले सदा,प्रभु से इतनी आस ।
चिर आनंद सदा करे,निज अंतर में वास।-
कब से तूफान के आसार नज़र आते हैं।
हम से रूठे हुए सरकार नज़र आते हैं l
लब हैं ख़ामोश निगाहों में भी है ख़ामोशी....
फिर भी वो जंग को तैयार नज़र आते हैं l
कर लें मिन्नत भी हज़ारों करें शिक़वे कितनें....
उनके आगे सभी बेकार नज़र आते हैं l
जाने क्या ऐब छुपाया है ग़रीबों ने भी....
हर दफा वो ही गुनहगार नज़र आते हैं l
जान लेकर जो हथेली पे खड़े हैं अपनी....
बनके सरहद पे वो दीवार नज़र आते हैं ।
आज खुशियाँ भी हैं मायूस, डरी सहमी सी....
ख़ौफ की क़ैद में त्यौहार नज़र आते हैं l
आज 'दीया' के भी दिल में है हज़ारों उलझन....
मुख़तलिफ़,शख़्स के किरदार नज़र आते हैं-
निश्छल हैं जिसकी बातें, बातों में जिंदगी
लड़की वो मन की भोली, आँखों में सादगी
शुभकामना है मेरी सौभाग्यशाली रहना
मासूमियत समेटे प्यारी सी अंजली
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प्यार की बदरा
तेरे प्यार की बदरा बरसे ज़रा
मन भीगे थोड़ा... तरसे ज़रा
जज़्बातों की बिजुरी चमके ज़रा
कभी ज्यादा और कभी....थम के ज़रा
आज मौसम की नीयत बेईमान है
दिल के अंदर ये कैसा तूफान है
यूँ मुहब्बत की ख़ुशबू महके ज़रा
मन झूमे और तन बहके ज़रा
अब के सावन यूँ ही बीते ना
कोई कोना मन का रीते ना
आज भीगे तो अरमाँ निकले ज़रा
तेरी बाहों में आके पिघले ज़रा
तेरी उल्फ़त में है डूब जाना मुझे
चाहे दुनियाँ बोले दीवाना मुझे
तेरी चाहत की बारिश कर दे ज़रा
मेरी ख़्वाहिश का दामन भर दे ज़रा
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बहुत लम्बी है ...
ग़र दिल में उसे संभाला जाय ।
वरना तो अरमाँ हैं ये...
जब जैसे जहाँ निकला जाय ।
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गज़ल- ख़ुशबू
तेरी साँसों की संदली ख़ुशबू
मेरी साँसों में है घुली ख़ुशबू
जब भी तेरा ख़याल आता है
ऐसा लगता है ओढ़-ली ख़ुशबू
ज़िक्र तेरा सुकून देता है
ज़िंदगी है ये चुलबुली ख़ुशबू
ये हवा की कोई शरारत है
छेड़ जाती है मनचली ख़ुशबू
तू बसा है मेरी निगाहों में
तू है नज़रों की मख़मली ख़ुशबू
तेरी उल्फ़त मेरी इबादत है
इश्क़ से रूह में खिली ख़ुशबू
रंग लाई है ये दुआ तेरी
आज दीया को है मिली ख़ुशबू
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अक्सर भूल जाते हैं
अजी हम भी सुख़नवर हैं... ये अक्सर भूल जाते हैं ।
लिखे अल्फ़ाज़ दिल पर हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं ।
हमीं नें क़ैद रक्खा है...ज़हन में याद को अपनी,
अजी यादें भी नश़्तर हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं ।-
मेरा साया
वक़्त ये ऐसा आज है आया ।
मुझसे है दूर मेरा ही साया ।
तुमको सीने से लगाकर रो लें...
दिल में हर-बार ये ख़याल आया ।
हम नहीं ज़ार- ज़ार रो सकते...
इसलिए ख़ुद को हमनें समझाया ।
तेरी ख़ुशियों की बस तमन्ना है...
दिल यही सोच कर है मुस्काया ।
तुम धड़कती हो मेरे सीने में...
जिंदगी का हो तुम ही सरमाया ।
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