Dipti Kashyap  
102 Followers · 3 Following

Optimist✨✨
Joined 31 March 2019


Optimist✨✨
Joined 31 March 2019
14 APR 2021 AT 16:06

अजनबी अनजाने से हम
रास्ते अपने और बेगाने से हम,
जो कभी गाए गुनगुनाए
ऐसे फसाने से हम,
दरिया से कोसों दूर
अलग किनारे से हम,
जो वक्त बेवक्त टकरा जाए
ऐसे दीवारों से हम,
तेरे उस झूठे वादों से हम,
चाही अनचाही यादों से हम
मंजिल की खुशी और
सफर की मुश्किलों से हम,
क्या देखें क्या समझे,
अंधेरे और सुकून से हम।

-


1 MAR 2021 AT 22:08

तृष्णा भी है, मोह भी है,
पर रिश्ता हमें कोई रखना नहीं।
नशा भी है, चाहत भी है,
पर जायका हमें ये चखना नहीं।
गुस्सा भी है, गलती भी है,
माफ़ खुद को करना नहीं।
घुटन भी है, आजादी भी है,
पर वापसी हमें अब करनी नहीं।
बढ़ना भी है, उड़ना भी है,
पर और हम अब रुकना नहीं।
टूटना भी है, जुड़ना भी है,
पर अब किसी को तोड़ना नहीं।
जज़्बात भी है, हालात भी है,
पर रिश्ता हमें कोई रखना नहीं।

-


12 JAN 2021 AT 9:55

कुछ कदम हमारे होंगे तब....... कदम तुम्हारे होंगे जब.....
यूं एक तरफा इस रास्ते पर हम अकेले राही कब तक चले...
कुछ लफ्ज़ हमारे होंगे तब..... लफ्ज़ तुम्हारे होंगे जब.....
यूं अकेले मंजिल और मुसाफिर गुफ्तगू कब तक करें....
लफ्ज़ और कदम के खेल में एक वक्त मिलेंगे हम....
उस वक्त पर सब थम जाएगा....
यूं दिल थाम कर आखिर कब तक हम तन्हा रूके....

-


6 OCT 2020 AT 22:27

हयात हैरत में है........
और
हसरतें हकीकत में.....

-


21 SEP 2020 AT 15:59

टूटे पंखों के साथ परिंदा उड़ने की जुगत कर रहा है.....
खुद से बगावत और इन हवाओं से मिलीभगत कर रहा है.....

-


11 JUN 2019 AT 6:53

I met that girl who don't want to be Diva,
I saw the eyes dreamily beautiful as Emerald,
I heard that meek voice iterating for life,
I felt that heart passionate for flying,
I met that girl who don't want to be Diva,

I realise the heat of Dreams like cinder,
Her actions were self-contradictory,
Her love was loyal and full of patience,
I reacted on her decision to demise her existence,
I met that girl who don't want to be Diva

-


29 MAY 2019 AT 12:37

उम्मीदों का फलसफा कुछ ऐसा बिगड़ा....
हम चाहकर भी तेरी चाहतों सा न बन सके....

-


19 MAY 2019 AT 16:22

हालातों से लङ कर फिर उङ चले है हम,
अब बङे हो गए हम।

महफ़िलों की जगह छुपकर रोने लगे हम,
हर मुश्किलों को खुद तक समेटने लगे हम,
दिल के टुकड़े को जोड़ने लगे हम,
हाँ!! अब बड़े हो गए हम।

अपनी ही गलतियों को सुधारने लगे हम,
अपने ही अस्तित्व को तलाशने लगे हम,
हुनर को तराशने लगे हम,
क्योंकि अब बड़े हो गए हम,।

दुनिया से सीख कर झूठा मुस्कुराने लगे हम,
क्यों बड़े हो गए हम?

-


25 APR 2019 AT 12:37

How can anyone exist among perfects ,
Doesn't matter how good are you prefect,
It's Difficult to bear the responsibilities,
All is about to enhance the abilities,
No one knows she needs love and care,
Some loving words for the works of dare ,
Lastly,
She is absorbing less, watching more,
Living less, dying more,
Many things less, something more.....

-


3 APR 2019 AT 18:33

After hearing the opinions of everyone,
Something was left broken in me,

After following the orders of everyone,
Something was left dead in me

-


Fetching Dipti Kashyap Quotes