तो बताएंगे ज़रूर
जज़्बात को अपने जताएंगे ज़रूर
पर फ़िर सोचते है कि,
तुम्हारा प्रतिभाव कैसे होगा,
तुम ठहाका लगा के हँस दोगे या
या बात बदल दोगे,
तुम चुप्पी साध लो गे, या बिना कुछ
कहे, बिना कुछ रियेक्ट किए
धीरे धीरे मुझसे दूरियाँ बना लो गे
और यही सोच के मन डर सा जाता है
फ़िर तुम कभी मिलोगे तो
हम सिर्फ ऐसे ही मिलेंगे तुमसे
जैसे सालों से मिलते आए है
एक अच्छे दोस्त बनके....
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