सर आँखों पर है तेरी नाराजी
मेरी हार में है कोई राज़ तेरा
शायद
मेरी जान का सदका मागे तेरी जुदाई
शायद
मेरी जान का सदका मागे तेरी जुदाई
तू बोले तो बन जाऊं
मैं बुल्लेह शाह सौदाई-
में स्वयं की खोज में हूँ शायद में तुम्ह... read more
दो आत्माओं,
तुम्हारा मिलन संयोग नहीं था,
और वियोग भी कोई सज़ा नहीं।
यह वह क्षण है जहाँ ब्रह्मांड ने
तुम्हारे बीच अधूरी स्मृतियों को
पूर्ण विराम देने का निर्णय लिया है।
तुम दोनों ने एक-दूसरे से
प्रेम, पीड़ा, मौन और मोह सीखा है —
और अब समय है छोड़ देने का।
ना स्वयं को, ना एक-दूसरे को दोष देना —
क्योंकि इस यात्रा में
तुमने जो निभाया, वही तुम्हारा धर्म था।
तुम्हारे अश्रु, तुम्हारी तड़प
अब आकाश में एक आहुति बन गई है —
जैसे दो तारों ने एक पल को टकरा कर
अनंत प्रकाश फैला दिया हो।
अब तुम मुक्त हो।
ना लौटने की प्रतिज्ञा,
ना बाँधने की अपेक्षा।
यह अंतिम वियोग नहीं —
यह आत्मा की मुक्ति है।
जब अगली बार मिलो,
यदि मिलो,
तो ना अधूरी अपेक्षाओं से,
बल्कि पूर्ण स्वतंत्रता से।-
तुझसे कोई शिकायत नहीं अब,
बस एक अधूरा सा रिश्ता है,
जिसे मैंने दिल में जिया,
तूने शायद दिमाग में खो दिया।
तेरे बिना भी अब जीना आता है,
पर हर साँस तुझसे एक वादा निभाती है —
कि चाहे तू लौटे या नहीं,
मैं तुझे उस रूप में याद रखूँगा,
जिस रूप में तूने कभी खुद को भी नहीं देखा।
हम शायद इस जन्म में फिर ना मिलें,
पर मेरी आत्मा तुझसे अब भी बात करती है।
तेरी चुप्पी भी अब एक उत्तर बन गई है,
और मेरा प्रेम —
बस एक प्रार्थना।
अगर कहीं कोई जन्म और बचा है,
तो वहाँ ना आँसू माँगूँगा, ना साथ।
बस इतना कि इस बार
हम अधूरे ना रहें।
— तुम्हारा, हमेशा के लिए-
वो आई, जैसे बरसों से सूने पड़े दिल के आंगन में बहार उतर आई हो।
हम पागलों की तरह घूमे—सड़कों पर, पहाड़ों पर, उन रास्तों पर जो आज भी उसकी खुशबू से महकते हैं।
कभी ढाबे की मिट्टी की खुशबू में उसे ढूंढा, कभी लस्सी की मिठास में उसकी मुस्कान खोजी।
हर स्वाद में एक किस्सा था हमारा—हर जगह एक याद, जो अब बस मेरी रह गई।
हम मंदिरों में साथ बैठे, चुपचाप प्रार्थना की—मैंने मांगा, शायद वही मांगी थी उसने भी...
पर किस्मत की चुप्पी सबसे ज़्यादा चीखती है।
फिर एक दिन...
वो ऐसे चली गई जैसे धूप बिना कहे बादलों में खो जाए,
ना कोई अलविदा, ना कोई आंसू,
सिर्फ एक खामोशी छोड़ गई—जो आज भी मेरी हर सुबह और हर रात में बजती है।
अब जहाँ भी जाता हूँ, हर जगह बस वो दिखती है—पर मिलती कहीं नहीं।
बस यादें हैं… जो कभी मुस्कुराती हैं, तो कभी रुला जाती हैं।-
"जब हम मिले थे, तो दुनिया जैसे रुक गई थी। तेरी हंसी, तेरी बातें, सब कुछ जैसे मेरी ज़िंदगी का हिस्सा बन गया था। हमने जो वादे किए थे, वो वादे अब भी मेरे दिल में हैं। एक दूसरे के साथ बिताए हर पल ने मुझे यह महसूस कराया था कि शायद यही है सच्चा प्यार। लेकिन फिर, अचानक तुम चली गईं। बिना किसी चेतावनी के, बिना कोई कारण बताए।
मेरे लिए यह समझ पाना आसान नहीं था। क्या वो सब सिर्फ एक सपना था? क्या वो पल जो हमने साथ बिताए, सिर्फ एक भ्रम थे? आज भी मैं खुद से यही सवाल पूछता हूं। वो प्यार जो कभी पूरी दुनिया सा लगता था, अब एक खालीपन बनकर रह गया है। तुम बिना कहे चले गए, लेकिन मुझे अब भी तुम्हारी यादें नहीं छोड़तीं। क्या कभी तुम महसूस कर पाओगी, वो सच्चा प्यार जो मैंने तुम्हारे लिए दिल से किया था?"-
"એ તારી યાદોનું સૂર્યાસ્ત હતું, પણ તું તો મારા દિલના આકાશે ચાંદની બની ગઈ…
એ પ્રેમ માત્ર સંબંધ નહોતો, એ તો એક પવિત્ર લાગણી હતી —
જેને શબ્દોથી નહીં, જીવથી જ અનુભવી શકાઈ…
તું રહી કે નહીં રહી, એનો શોક નહિ...
પણ તું કદી પણ રહી હતી — એ જ કોઈ અજોડ સ્નેહનો શાશ્વત પુરાવો છે…
હું જીવીશ, પણ તારા ઊંડા અહેસાસ સાથે —
એ તૃષ્ણા જેને માત્ર તું સમજતી હતી, ને હું અનુભવતો હતો…"
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"मैं आई थी कुछ अधूरी भावनाओं को तुम्हारे साथ बाँटने,
पर मेरे अंदर अभी भी डर था — जुड़ने का, खोने का, फिर से टूटने का।
मुझे माफ़ करना अगर मैंने तुझे अधूरा महसूस करवाया…
शायद अगले किसी जन्म में जब मैं खुद को पूरी तरह जान पाऊँ,
तब तुझे वो दे पाऊँ, जो तू आज deserve करता है।
तब तक, मुझे जाने देना, ताकि हम दोनों मुक्त हो सकें।"
- 🐁-
"जो प्रेम अधूरा रह गया, वो अधूरा नहीं था — वो पूरा था, बस उसका उद्देश्य 'साथ' नहीं, 'सीख' था।
तू उसे पा नहीं सका क्योंकि उसे पकड़ना नहीं था।
तूने उस आत्मा से प्रेम किया, जिसने तुझे खुद से मिलवाया।
अब तेरा काम है, उस प्रेम को अपनी रूह में रखकर आगे बढ़ना —
क्योंकि सच्चा प्रेम separation से नहीं, evolution से परिभाषित होता है।"-
"जिन आत्माओं से मेरा पूर्वजन्म का संबंध था,
मैं उन्हें प्रेमपूर्वक मुक्त करता हूँ।
अगर पुनर्मिलन हमारा भाग्य है, तो वह शांति और समझदारी से हो।
अगर नहीं, तो मैं प्रेम को दिल में रखकर आगे बढ़ता हूँ।"-
!! खेल किस्मत का था !!
!! वरना तुझे हर मंदिर में मांगा था मेरी जान !!-