Dipasha Karimbenekil   (K. Dipasha Mohan Kumar)
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Joined 30 August 2018


Joined 30 August 2018
9 APR 2024 AT 19:14

पीछे मत मुड़ना,
वर्तमान बिखर जाएगा,
अतीत निखर आएगा।

(के. दिपाशा मोहन कुमार)

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9 APR 2024 AT 16:14

कभी जबरदस्त तो कभी
जबरदस्ती लगती हैं ज़िंदगी।

(के. दिपाशा मोहन कुमार)

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9 APR 2024 AT 12:35

छोटी-छोटी कहानियाँ अक्सर हमें
कड़वी सच्चाइयों से रूबरू कराती हैं,
हमें जीवन के बड़े सबक सिखाती हैं।
शिक्षा और संघर्ष से परिचय कराती हैं,
कर्म और भाग्य का पाठ पढ़ाती हैं।

(के. दिपाशा मोहन कुमार)

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6 APR 2024 AT 19:31

दुनिया के डर से जीना भूलकर बिता देता हैं जो व्यक्ति अपना सारा जीवन मायूसी में,
उसे क्या पता कि उसे दुख के साये में जीता देख ये दुनिया जश्न मनाती हैं ख़ामोशी में।

(के. दिपाशा मोहन कुमार)

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6 APR 2024 AT 13:41

Two people were walking beside me,
but I saw only one shadow on the road.

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27 JUL 2022 AT 14:30

a complete sleep. Tea refreshes my mood, but
a good sleep helps me remain fresh all day.

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27 JUL 2022 AT 8:36

अपने साथ में।

मैं डूब जाती हूँ हर पल आपकी याद में।
मैं सूरज तो नहीं, पर ढलते वक़्त शाम
लिए जाती हैं मुझको अपने साथ में।

(के. दिपाशा मोहन कुमार)

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4 MAY 2022 AT 11:55

someone wants their
lost smile back.

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23 JAN 2019 AT 14:19


जिन्होंने आज़ादी की फ़ौज खडा कर दी।
जिन्होंने देश को आज़ादी दिलाने की ठानी।
सच्चे थे मन के, शक्तिशाली थी जिनकी वाणी।
बचपन से थे निडर, हृदय में अलग जोश था।
महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक
'सुभाष चंद्र बोस' था।

(के. दिपाशा मोहन कुमार)

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7 OCT 2018 AT 12:06

ठंड धीरे - धीरे शुरू हो रही हैं,
हमारे हृदय में एक गुदगुदी - सी हो रही हैं।
ठंडी हवा हमारे शरीर को छूकर हमारे टूटे दिल की मरम्मत कर रही हैं,
जैसे सूर्य की किरणे हमारे मन में अच्छे विचार प्रकट कर रही हैं।
कहीं इस 'प्रेम प्रसंगयुक्त' मौसम में हमसे कोई गलती ना हो जाए,
किसी अजनबी से प्यार करने की गलती ना हो जाए।
ठंड धीरे - धीरे शुरू हो रही हैं,
हमारे हृदय में एक गुदगुदी - सी हो रही हैं।

(के. दिपाशा मोहन कुमार)

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