Dipak Shankhalpura   (દીપક ઠાકોર (दीप))
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|| Poet || Writer ||✒

🔥आत्मदीपो भव ।।
Joined 12 August 2020


|| Poet || Writer ||✒

🔥आत्मदीपो भव ।।
Joined 12 August 2020
2 SEP 2022 AT 20:08

भव्यस्थानं तु देवानां ज्ञानानामेव संग्रहः।
संबन्धानां खशायाः च भारतं तत्र दुर्लभम् ।।

देवताओं का जो भव्य स्थान है, विभिन्न प्रकार के ज्ञान का जो संग्रहकोश है एवं संबंधों की जो एक शाखा है वे भारतभूमि दुर्लभ है।

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16 FEB 2022 AT 13:34

साथ साथ चलते रहना है हमें

किसी भी राह पर हाथ छूट क्यों न जाए

फिर भी यादो के सहारे चलते रहना है हमें ।
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11 FEB 2022 AT 23:01

क्योंकि उसके सानिध्य में खेलने वाले बच्चे आज Mobile का साथ पाकर बड़े हो गए हैं...?— % &

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11 FEB 2022 AT 17:07

बचपन में जेब के अंदर ४ चॉकलेट होती थी तो बहुत ज्यादा लगता था,

अब तो ATM लेके घुमते है फिर भी बहुत कम मालूम होता है ।— % &

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31 MAY 2021 AT 23:35

શંકર કર સુખ શાંતિ કર, કરથી કર સંગાથ
હર હર કરથી વિપદા , કરથી કર કરું પાય

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31 MAY 2021 AT 23:22

સંત રમે કંઈ શૂન્યમાં 
રણચંડ રમે શુરવીર
ધિંગાણું રમે બારવટા
PUBG રમે નપુલિંગ

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31 MAY 2021 AT 22:40

चन्द्र के समान दूसरो पर निर्भर न रहो,
सूर्य के समान खुद प्रकाशित होकर दिखाओ
"आत्मदीपो भव"

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29 MAY 2021 AT 14:50

સૂક્ષ્મજ્ઞાન

એક કરંડિયામાં બે નાગ બેઠા, ચંદા સૂરજ નામ
સંગમ કરી ઉપજાવે ત્રીજો, તો ખૂલે બંધન દ્વાર

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28 MAY 2021 AT 22:28

ધન્ય ધરા ભારત ભૂમિ, એમાં ધન્ય ગરવું ગુજરાત
જ્યાં ધન્યતાના નારા ગૂંજે, એવું ધન ધન ઝાલાવાડ

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27 MAY 2021 AT 15:03

कीसी भी वस्तु का "योग" होने से पूर्णता की प्राप्ति होती है

- दीप✒

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