Dinesh Yadaw   (Dinesh Yadaw✍️)
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Joined 15 July 2020


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Joined 15 July 2020
8 AUG 2021 AT 8:29

हमर छत्तीसगढ़ के पहिली तिहार हरेली परब म आप जम्मो झन ला गाड़ा गाड़ा बधाई
गेड़ी, फुगड़ी, नरियर फेंक, जइसे छत्तीसगढ़ी खेल मन नंदावत हे त अपन धरोहर ला आगे पीढ़ी के मन ला जानकारी देके ए छत्तीसगढ़िया धरोहर अउ संस्कृति ला आगे बढ़ाओ।
🙏जय छत्तीसगढ़ महतारी🙏
🙏छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया 🙏

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16 AUG 2021 AT 8:38

मै ज़रा सा रुक क्या गया लोगों को बोलने का एक बहाना मिल गया!
हालात नहीं होते सब एकसमान ये समझे कोई...
हालात नहीं होते सब एकसमान ये समझे कोई...
अब मुझे नजरअंदाज करने का भी उन को बहाना मिल गया।

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16 AUG 2021 AT 8:34

मै ज़रा सा रुक क्या गया लोगों को बोलने का एक बहाना मिल गया!
हालात नहीं होते सब एकसमान ये समझे कोई...
हालात नहीं होते सब एकसमान ये समझे कोई...
अब मुझे दोषी ठहराने का भी उन को बहाना मिल गया।

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15 AUG 2021 AT 7:07

शीर्षक - आजादी का किस्सा
विद्रोह उन्होंने किया था तब जाकर हमको आज़ादी मिली
शहीद हुए थे लाल अनेकों जिनको हिस्से में शहीदी मिली
हिन्दुस्तान की धरती को 47 में मुक्ति गोरों से मिली

बंग प्रदेश को बांटा गोरों ने कभी चौरी-चौरा कांड किया
रॉलेट एक्ट को लाकर अंग्रेजो ने जलियांवाला नरसंहार किया
रणबांकुरे रणवीर थे जो आज़ादी के लिये खुद को न्यौछावर किया

कालकोठरी में कितने भी डालो रंग दे बसंती हमेशा बुलंद हुआ
क्या शान थी उन वीरों की जिनकी जवानी देश के नाम हुआ
आगाज़ किया था इंकलाब का तब जाके ये अंजाम हुआ।

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10 AUG 2021 AT 18:53

गरज रहे थे मेघा नभ में
बिजली चमकने की बारी थी
चारो ओर फैल रही मनभावन सुवास थी
वो एक बारिश की शाम थी । 2
हसीन हो गया सर्द समा उस क्षण
गर्मी से राहत दिलाती वो वो वर्षा की बयार थी
सावन के इस मौसम में ये बात भी आम थी
वो एक बारिश की शाम थी । 2
लौट चुके थे पंछी, पहुँच गये थे लोग घरों में
लोगों की थकान मिटाती वो बिजली की कड़ कड़ थी
रंगीन बनाती शाम को वो प्याले की जाम थी
वो एक बारिश की शाम थी । 2

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9 AUG 2021 AT 21:17

सुप्त पड़े शमशीर को उठा कर चलाने का मन हो गया
हाथों को कलम थामने का व्यसन फिर से हो गया
तैयार रहना ए दुनिया क्योंकि अब बुझे चिरागों को रोशन करने का वक़्त हो गया ।

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9 AUG 2021 AT 21:06

मिल जाती है सफलता, सच होता है जो फैसला लिया
कदमों में उसके संसार होता है जिसने मन को साध लिया

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8 AUG 2021 AT 22:40

1- मुझे अच्छा लगता है इसलिए
2- भावनाओ को बयां करने का जरिया है

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6 AUG 2021 AT 21:51

कहीं क्लेश कहीं तकरार जो दुनिया को दुःख से भर दे !
शमां जलाउँगा अमन का एक दिन जो पूरे जग को खुशियों से रोशन कर दे ।

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9 JAN 2021 AT 17:46

कभी इस गली कभी उस गली, जहाँ सड़क भी ना हो वहाँ भी घुमा है
भूमि रुपी जीवन को अपने पसीने से मैंने सिंचा है
चल कर गिरना गिर कर उठना, पग - पग पर खुशियां खिंचा है
बेशक मुश्किल हजारों थी हमारे सामने सबको ढहते देखा है
कंकड़ - कांटो से सजे सड़कों में बच - बचकर चलना सीखा है
कभी इस गली कभी उस गली, जहाँ सड़क भी ना हो वहाँ भी घुमा है
घाट - घाट का पानी ना सही, ...... तो दुनिया - जहां का चख रखा है ।

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