आमिर तो नहीं हूँ लेकिन ज़मीर ऐसा रखता हूँ।
जिसकी कोई बोली ना लगा सके।
परख ना सको ऐसी सक्सियत है मेरी।
में अच्छा भी सिर्फ़ उन्ही के लिए हूँ।
जो जाने क़द्र मेरी।
और भी बिकने वाले होंगे जाकर ख़रीद लो।
हम क़ीमत से नहीं क़िस्मत से मिला करते है।
दिनेश त्रिपाठी-
कोई नही होगा मेरी मौत का जिम्मेदार।
ना तुम ना वो।।
पर मुझे इस बात की खुशी होगी की।
मेरे मरने से किसी को तो खुशी होगी।।-
शौक रखते हो मुझे ignore करने का
जिस दिन हमारी ये दुनिया छोड़ कर जाऊंगा
उस दिन तरस जाओगे मुझसे बात करने के लिए
दिनेश त्रिपाठी-
लोग जल जाते हैं मेरी मुस्कान पर क्योंकि मैंने कभी दर्द की नुमाइश नहीं कि...
जिंदगी में जो मिला कबूल किया किसी चीज की फरमाइश नहीं कि...
मुश्किल है समझ पाना मुझे क्योंकि जीने का अलग अंदाज है मेरे
माना कि औरों के मुकाबले कुछ ज्यादा पाया नहीं मैंने
और इस बात से खुश हूं कि खुद को गिरा कर
किसी का कुछ उठाया नहीं मैंने।।
संध्या-
कमाल है ना....
सांसे मेरी जिंदगी मेरी
मोहब्बत मेरी पर हर चीज को
मुकम्मल करने के लिए जरूरत तेरी।।
दिनेश त्रिपाठी-
मुझे अब डर नही कुछ भी खोने का,
मैं अपनी जिंदगी में अपनी जिंदगी को खो रहा हुं।।
दिनेश संध्या-
तेरे चेहरे ते लिखाया तू इनकार करदिया
मेनू पता तूं मेरे मरन दा इंतज़ार करदी हां।।
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वादों की तरह इश्क भी आधा रहा
मुलाकाते हुई नहीं
इंतजार ज्यादा रहा।।
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मेरी इस चार दिन की जिंदगी में
तुम एक हफ्ता तो नाराज रहती हो।
दिनेश त्रिपाठी-