उसे कद्र नहीं तुम्हारी
जो पा न सका तुम्हें
वही जानता है
होने की कीमत तुम्हारी।-
Dinesh प्रेम yadav
(mr_mussafir_)
787 Followers · 342 Following
करता नहीं हूँ मैं कुछ भी
बस बातें अच्छी करता हूँ
कोई है जो छोड़ चुका है मुझे
पर फिर भी उस प... read more
बस बातें अच्छी करता हूँ
कोई है जो छोड़ चुका है मुझे
पर फिर भी उस प... read more
Joined 27 December 2017
11 AUG AT 23:36
24 JUL AT 22:41
समझता है,तेरी बातों में आ जाऊंगा मैं
कठपुतली बन,तेरे हाथों में आ जाऊंगा मैं
नासमझ है तू अभी मुझे जानता भी नहीं,
"मुसाफ़िर" हूं मैं तेरे जैसे कितनों को ख़ाक सा छानता हूं मैं।-
28 APR AT 18:51
टूटी दीवारें
ऊंची मीनारें
कभी मझधार
कभी किनारे
आंखें सब कुछ देखतीं है
बस जिसे देखने की हसरत में जिंदा है
उसके सिवा सब कुछ।-
27 APR AT 22:24
तेरे हाथों में मेहंदी किसी और की
माथे पर सिन्दूर किसी और का
आंखों में काजल किसी और का
लेकिन अब भी उनमें तस्वीर मेरी है।
-
26 APR AT 9:51
लहुलुहान हो गई है घाटी,
धर्म पूछ कर मृत्यु बाँटी,
हुकम दिया के कलमा पढ़ लो,
मना किया फिर छलनी छाती,
किस मिट्टी के ये लोग बने है
इतनी नफ़रत कहा से आती,
मासूमों पर रहम ना खाना,
कौन सी पुस्तक यह सिखलाती ,-