ना तो इश्क है तुमसे, पर लग रहा है
न जाने क्यूं तेरा स्थान दिल में अलग रहा है ,
एक अरसे पहले तुने जो चिंगारी लगाई थी
आज भी ज़हन अन्दर से सुलग रहा है।-
एक खूबसूरत सा मोड़ आया।
मौका था मेरे पास भी
लेकिन मैं किस्मत पर छोड़ आया। read more
तुमसे दूर होकर मुझे क्या गवाना पड़ रहा है
तेरा नाम भी दुनिया के सामने छिपाना पड़ रहा है,
पढ़ तो सब लेते हैं, लेकिन लहज़ा सबके पास नहीं होता
इसलिए हर शेर अब मुझे सुनाना पड़ रहा है।
तेरी यादों में डूब कर खुद को हंसाना पड़ रहा है
न जाने किस गुनाह का मोल चुकाना पड़ रहा है,
तुझसे आख़री बार विदा लेने, आया हूं तेरी शादी में
न चाहते हुए भी तेरी डोली को सजाना पड़ रहा है।-
अब तुम ही बताओ कौन हूं मैं,
कोई कहता है शायर, कोई कहता है जौन हूं मैं।-
सैकड़ों में क्या हजारों में मैंने ढूंढा
लाखों-करोड़ों की मिनारों में मैंने ढूंढा
जब तुम जैसा कोई मिला नहीं धरती पर
फिर जाकर चांद-सितारों में मैंने ढूंढा।-
गुर्बत मेरी तो आम थी
हर कोशिश मेरी नाकाम थी,
'दिनेश' का प्रकाश था हर जगह
उनकी आंखों में ही शाम थी।-
तुम्हें माफ करूं, या अब जाने दूं
तुम ही बताओ।
रहने दूं, या फिर से कहानी में आने दूं
तुम ही बताओ।।-
दिन 10 भी होंगे
सालों में भी होंगे दिन,
इतना भी ना तू पागल बन
ऐसे भी ना पल-पल को गिन।-
न कुछ पाने की चाहत
न कुछ खोने को बचा है,
अब तो जो किस्मत में है
वही मेरे लिए अच्छा है।-
तू ही है पूजा मेरी
तू ही दुनिया सारी है,
तेरे चरणों की धूल हूं मैं
तू मेरा भोला भंडारी है।-
बाहर मुस्कान से, अंदर तूफान से लड़ता हूं
ख़ामोशी पसंद है, खुद की जुबान से लड़ता हूं।-