मौन संसार कितना अच्छा होता..
बिन मतलब प्यार कितना अच्छा होता
जो ढूंढ लेता इस हसीं में दर्द...
वो यार कितना अच्छा होता
हमें जो अच्छे से समझ पाता...
वो समझदार कितना अच्छा होता🙂-
ये बात जो कही नहीं है अबतक
तुम इसे कहते क्यूं नहीं
तुम्हारा ही तो है वो घर ..
तुम उसमें रहते क्यूं नहीं!-
जब पेड़ को पता है कि नए पत्ते आजाएंगे...।
फिर वो सूखे पत्तों की कद्र क्यों करे...।।-
रंगीन सी थी दुनिया,
श्वेत-श्याम बन चुकी है..
उजालों से थी पहले,
अब अंधेरों से पहचान बन चुकी है..
बातें खत्म नहीं होती थी जिसकी,
अब वो बेजुबान बन चुकी है..
पूजा करता था मैं जिसको,
अब वो सच में भगवान बन चुकी है।।-
एक नया जहां चाइए मुझे
जिसमें दुनिया के सभी दुख हों...
मगर लोग ना हो ;)-
इंतज़ार तेरा कई बरसों से कर रहा हूं...
जैसे जलती हुई आग पर पैर रख रहा हूं.
तुम छोड़ के गए हो जब से ...
हर सांस में थोड़ा-थोड़ा मर रहा हूं.
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दिल की बस हो गई है,
मन थक कर चूर हो चुका है।
जिस जिस को मैं अपना समझता था,
वो हर एक शक्स मुझसे दूर हो चुका है।।-
दर्द भले ही लाखों हैं,
चेहरे पर मुस्कान फिर भी जिंदा है।
जो कल चाहते थे खुद से ज्यादा हमें,
वो आज अपना कहते हुए भी शर्मिंदा हैं।।-
सब से छुपकर रोना सीख गया हूं __:)
मैं तेरे इश्क़ में सही होकर भी,
गलत होना सीख गया हूं :)-