उनके हर इक सवालों का जवाब देना था।
उदास आंखो में खूबसूरत ख्वाब देना था।
उस शख्स से अब दूरियां बढ़ा लिया हमने,
माह ए मोहब्बत में जिसको गुलाब देना था।।
"दिनेश कानन"
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Writing ✍️
Traveling 🛫
Riding 🚲
तेरी यादें छाई है बादलो की तरह...
अब ये आंखे बरसने को चाहता है..!!
"दिनेश कानन"-
दुश्मनी भी आर पार करके देखा जाए।
सोचता हूं फिर प्यार करके देखा जाए।।
काबिल बनाते बनाते थक सा गया हूं,
अब खुद को बेकार करके देखा जाए।
इक झूठ था कि उम्र भर साथ रहना है,
चलो न इसे साकार करके देखा जाए।
मिलने आ सकती है तबियत पूछने वो,
खुद को अब बीमार करके देखा जाए।
इश्क के बदले नफरत सौदा मंजूर है,
इश्क का व्यापार करके देखा जाए।
सियासत से लड़ने के खातिर "दिनेश",
कलम को हथियार करके देखा जाए।।-
मुहब्बत करने की गलती इक रोज कर डालू।
उसी गलती से किसी को मदहोश कर डालू।
सोचता हूं कि दिनेश मुहब्बत में अबकी बार,
अपने ही किसी दोस्त को प्रपोज कर डालू।।
"दिनेश कानन"
😃♥️-
मुझे कोई बला कैसे छुएगा भला ।।
मां मेरी ताबीज बनकर मेरे साथ है।।
❤️❤️
"दिनेश कानन-
आपका दुःख दूसरो के लिए मनोरंजन का साधन है इसीलिए किसी भी परिस्थिति में खुश रहिए, किसी के लिए खुद को मनोरंजन का साधन न बनाइए।।
"दिनेश कानन"-
If you want to fall in love with someone,
❤️
Then fall in love with your classmate.-