गरीब हूं मैं मगर दुखी नहीं
बेरोजगार हूं मैं मगर लाचार नहीं हूं
खुश हूं मैं मगर संतुष्ट अभी तक हुआ नहीं
जितना है उतने में ही रहा हूं अभी तक मैं
हर गम को गले से लगाता हूं मैं
हर किसी को अपनाता हूं मैं
खुश हूं मैं मगर संतुष्ट अभी तक हुआ नहीं
धीरे - धीरे जिंदगी बिता रहा हूं मैं
हर मुश्किलों को दोस्त बना रहा हूं मैं
औरों को अपने लिए लड़ना सिखाता हूं मैं
खुश हूं मैं मगर संतुष्ट अभी तक हुआ नहीं
Dinesh Gujjar ✍️-
सर्कस में भी जोकर Or तास में भी जोकर
सीधा दिल को छू Kar कुछ कहता है जोकर
Jo दिल बोले तू वो कर , दिल से कर Tu जो कर
कुछ Na कुछ हमें सिखाता है Jo जोकर
Tu का बन नोकर , दुख-दर्द को Tu नो कर
अश्कों ko छुपाकर , खुशी फैलाता है Ye जोकर
खा कर जग ki ठोकर , संभालता हे Ye जोकर
सब kuc अपना खोकर , कुछ ना कुछ देता he जोकर
Dinesh ✍️-
देखता हूं तो देखते रह जाता हूं
नजर मिलती तुमसे तो नजर चुराता हूं
छुप छुप कर देखता हूं
ना देखूं तो बेचैन रहता हूं
ऐसा क्यों हूं मैं ... ?
आंखों में बहुत ख्वाब सजाता हूं
नाम तुम्हारा ही गुनगुनाता हूं
मन में तो बहुत बोलता हूं तुमसे
पर सामने आते ही खामोश हो जाता हूं
ऐसा क्यों हूं मैं ... ?
कभी कुछ पूछती हो जो तुम मुझसे
जवाब में कुछ और ही कह जाता हूं
मासूम कहना मुझे ठीक तो नहीं
मगर तुम्हारे सामने मासूमियत से पेश आता हूं
मोहब्बत भी तो बहुत है तुमसे
बस इज़हार करने से घबराता है
ऐसा क्यों हूं मैं .... ?-
जो प्रेम का दरिया है भीतर , वो बहना चाहता है
हा तुम्हें अपने दिल का हाल बताना चाहता है
चाहे मेरे प्रेम की सीमाएं तय कर दो तुम
मैं हद में रह कर भी बेहद होना चाहता हूं
प्रेम बदले में प्रेम मिले ऐसी लालसा ना अवलंबन
जो मेरे पास है वह तेरा मैं उसे लौटाना चाहता हूं
मोहब्बत की जिंदगी का हिस्सा नहीं किस्सा ही सही
मैं तुम्हारे जहन में एक धुंधली याद बनना चाहता हूं
Dinesh ✍️-
मैंने दिल से कहा फिर सच्चा बन जा
पूजा पाठ वाला बच्चा बन जा
होने दो शिकायतें तो होगी ही
आंखों को मीच और कानों का कच्चा बन जा
शर्तें अपनी भी चलेगी
रुटा तो तुझे मनाएंगे
तू फिर से कोई बात बताना
हंस हंस के सब भर आएंगे
बस तू अब दर्द मत छिपा
बहुत हुई अब प्रीत पराई
तू भी थोड़ा अच्छा बन जा
पूजा पाठ वाला बच्चा बन जा 😌-
रहता है किन खयालों में ,
न जाने मेरा मन क्या क्या सोचता है ।
बुनता है हर पल खुशियों की चादर ,
है कितना दीवाना फिर उसे ओढ़ता है ।
समेटे हुए हैं अरमान सारे ,
कि फिर ना जाने क्या उसे रोकता है ।
हे आसान नहीं यू मंजिल को पाना ,
यह बता कर हर शख्स उसे रोकता है ।
रहता है किन खयालों में ,
न जाने मेरा मन क्या क्या सोचता है 😟
Dinesh ✍️-
मैं प्रेम पर लिखता हूं यह लोगों की गलतफहमी है
मैं तुम पर लिखता हूं तुमसे कोई सीधा सा रिश्ता है मेरा 💕
दोस्त ,प्रेमिका, संगिनी, साथी सब अंश है तुम्हारे स्वभाव का
मेरे लिए तुम ही प्रेम हो ❤️
जिसकी असीमित सीमाओं को मैं तुम्हारी आंखों में देखता हूं
जिसका ना तो क्षेत्रफल निकालना संभव है
और ना ही आयत निकाल पाना
इसमें सिर्फ डूब जाना ही संभव है 😌
पार पाने के लिए ...
मेरे प्रेम की त्रिज्या का दायरा बेशक छोटा हो सकता है
मगर केंद्र तुम पर ही आकर अटकता है 💕
Dinesh ✍️
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😌हां तुम हो Mera Ek tarfa Pyar😌
तुम मेरे DOST HO DOST ही रहो
तुम जिस पर निसार होने निसार ही रहो
मैं BES एक हिस्सा हूं तुम्हारी जिंदगी का
तुम तो मेरे लिए MERA पूरा संसार ही रहो
मैंने कब कहा कि TUM भी मुझको चाहो
पर कम से कम DOSTI तो सही से निभाओ
मैं तेरे लिए पल भर KA साथी ही सही
पर तुम मेरे LIYE ता-उम्र एकतरफा प्यार ही रहो
Dinesh ✍️-
मेरा दिल दुखाने का
बेशक तुम्हारा इरादा ना था
मगर इतना तड़पाओगी मुझको
इसका कोई अंदाजा नहीं था
माना तुमसे सी शोख हसीना नहीं कहीं
लेकिन खामोश लब बेकरार दिल लिए
यकीनन मुझ सा दीवाना भी नहीं होगा
करते होंगे ये फासले तुम्हें बेचैन
तुम्हें भी बीते सुहाने पल याद आते होंगे
कैसा भी हो ये बेचैनी का आलम
मगर मुझ सा बेचैन कोई नहीं होगा ।
Dinesh ✍️
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उनके झूठे वादों पर एतबार क्या करना
प्यार ही न समझे जो उनसे प्यार क्या करना
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