निरंतर बढ़ रही इस उम्र में
आज कुछ पल मैं यूं ठहर गया,
नदियों का मानो बहता पानी
समुंदर में जाके रह गया,
हां उम्र तो लगातार बढ़ रही है पर
कमबख्त दिल बच्चा ही रह गया।-
दिनेश
(कलम ए अल्फाज़ 🖋️)
75 Followers · 84 Following
Dunia ki bheed se alag
Joined 20 May 2021
9 JUN 2022 AT 22:07
29 NOV 2021 AT 20:45
तबाह कर गया कच्छी उम्र में मेरी जिंदगी....
ऐ इश्क तू इतना बेरहम क्यों है..!!-
3 SEP 2021 AT 8:20
मुझे मजबूर करती हैं यादें तुम्हारी....
वरना अब मुझे शायरी लिखना अच्छा नहीं लगता..!!-
27 JUL 2021 AT 8:47
संघर्ष से मत डरो
क्योंकि ये, वो कहानी है
जो सफल होने के बाद
लोगो को बतानी है।-