हर दिन मां का है ।
हर दिन मां सा हैं ।।
🙏💙❤-
ॐ
घुमक्कड़ी मेरा इश्क़
तो पहाड़ मेरा दिल
उसके लिए दिन क्या बनाना
जिससे हमारा जहाँ बना हो
जिसने हमें बनाया हो
और जिससे हम बने हो !
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अलविदा कहना आसान नहीं है
जितना की हम अलविदा कह देते है
खासकर उनसे जिनसे हम सीखते हैं
समझने की कोशिश करते है उनकी भाषा
का भाव और करते है
कोशिशें
ना समझ लिखने की,
आपकी कविताओं के साथ
आप हमारे साथ सदैव रहंगे।
अलविदा! 👏
#मंगलेशडबराल जी
©lafzon_ka_safar-
जिंदगी खुद से रूबरू सी हो गयी हैं
हडबडी में !
पिताजी की चप्पलें क्या पहन ली ?-
यू तो हर कोई पेड़ो की बात करता है
क्या सच में भी पेड़ो को याद रखता है
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झूठ तो हम कीसी से भी कह सकते है
सच के लिये लोगो को तलाशना पड़ता हैं-