चलो अब जाने भी दो,
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,
और बयाँ हम से होगा नहीं।-
*चलकर देखा है अक्सर, मैंने अपनी चाल से तेज "साहिब".!!*
*पर वक्त, और तकदीर से आगे, कभी निकल न सका....*
*जिनके पास अपने हैं*,
*वो अपनों से झगड़ते हैं*...
*जिनका कोई नहीं अपना*,🍁💕
*वो अपनों को तरसते हैं*..।
*कल न हम होंगे न गिला होगा।*
*सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिललिसा होगा।*🍁💕
*जो लम्हे हैं चलो हंसकर बिता लें।*
*जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।*-
बदलना चाहते हो ना.....?
बदल जाओ
मेरी हद से निकलना हैं...?
निकल जाओ
मगर ठेहरो
जरा ठेहरो
अगर यूं दुर जा कर भी
कहीं पर चेन ना आऐ
हमारी याद मै अगर दिल
किसी का हो नहीं पाऐं
तो फिर किसी तरह बपिस
हमारे पास आऔ गे
अगर बपस आना हैं
तो जाना किस लिए हैं फिर
तुम्हें समझा रहा हूँ मैं
समल जाओ
अगर फिर भी बदलना हैं
मेरी हद से निकलना हैं
बदल जाओ
सुनो तुम बैसक बदल जा ओ....-
: एक खूबसूरत सोच :
"मिलता तो बहुत कुछ है,"
"इस ज़िन्दगी में"
"बस हम गिनती उसी की करते है,"
"जो हासिल ना हो सका..."
सुप्रभात-
बड़े सुकून से वो रहती है आज कल मेरे बिना.. जैसे किसी उलझन से छुटकारा मिल गया हो उसे…
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इंतजार की घड़ियाँ अब ख़त्म हो गई है,
अकेले रहने की आदत हमे हो गई है,
न करेंगे कभी हम शिकायत तुझसे,
क्योंकि तन्हाइयों से अब हमे मोहोब्बत हो गई है…-
मुस्कुराने की आदत भी,
कितनी महंगी पड़ी हमको,
उसने छोड़ दिया कहकर,
तुम तो अकेले भी खुश रह लेते हो…-