पुआल - सा नर्म बिछौना ,
देह - पोटली में ढ़ल जाना ।
कितना सहे आघात प्राण ,
मुश्किल है अब जान बचाना ।।
~डा. किशोर कुमार यादव-
Dilkhush jha
(दिलखुश झा)
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जब तक जीना तब तक सीखना अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है। -स्वामी विवेकानंद जी
Joined 29 June 2019
28 DEC 2021 AT 11:18
19 DEC 2021 AT 23:14
दिसम्बर की इन खून जमाती सर्दियों में,
मेरी मोहब्बत का अलाव हो ‘तुम’ !! ❤️-
7 NOV 2021 AT 22:45
बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर
पलकों से लिख रहा था तिरा नाम चाँद पर
~ अज्ञात-
23 JUN 2021 AT 0:04
कितना भी कर ले, चाँद से इश्क़, रात के मुक़द्दर मे, अँधियारे ही लिखे हैं......
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30 MAY 2021 AT 19:43
पत्रकारिता_दिवस
जो देखता हूँ,वही बोलने का आदी हूँ,
मैं अपने शहर का सबसे बड़ा फसादी हूँ
-जॉन एलिया-
27 FEB 2021 AT 22:38
"याद तुम्हारी ऐसी कि 'बिसरती' भी नहीं
नींद आती भी नहीं रात गुज़रती भी नहीं.!"-
13 FEB 2021 AT 1:38
मैने हर किस्म के लोग देखे हैं ज़िन्दगी मे,
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शुक्रिया कहने वाले भी,मदद लेके बेवकुफ कहने वाले भी.!-