इंसान बंधा है एक डोर से,
जरूरतों की डोर से|
जब तक जरूरतें हैं,
तब तक रिश्ते हैं.....-
Dilkashan Parveen
(دلکش)
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I believe in growing together
Joined 4 August 2018
19 JAN 2022 AT 17:57
19 JAN 2021 AT 0:38
The cloud
As it hides
The twinkling stars which
Glitter the night and spread the light.-
6 JAN 2021 AT 23:35
कोई दुख था उसको भी
थी बात कोई उसमें भी
थी याद किसी की उसको भी
दिल भूल गया जाते जाते
कई रात गुज़री थी ऐसे भी
ना याद किसी की मुझमें थी
ना बात कोई मुझसे थी |
-
30 SEP 2020 AT 0:17
इश्क सर्दी में धूप सा है
भीड़ में सुकून सा है
इश्क ऐसा ना है की धड़कने तेज हो जाए
ये ऐसा है कि बस उसे देखते ही सब थम जाए
ना हो आगे की चिंता, ना गम पीछे का
जो है तू है, ना चाहिए साथ किसी और का
ना ख्वाहिश है किसी की
ना फर्माइश किसी चीज की
जो है अभी है, अभी में ही सब है||-
10 SEP 2020 AT 20:57
दुनिया सिमट जाती है
जहा जाने की उम्मीद भर भी ना हो
वही आ कर कदम रुक जाती है
जब भी बात तन्हाई की हो
याद एक शख्स पर आ कर टिक जाती है
अक्सर इश्क में ऐसी बातें हो जाती है....-