कुछ उलझे से हैं रिश्ते कुछ न समझे से हैं रिश्ते कुछ वक्त दूरी से अटक गए हैं रिश्ते कुछ वक़्त ठहर से गए हैं रिश्ते प्यार और मान से भरे ये रिश्ते उलझ कर रह गए ये रिश्ते । वक़्त तू भी इतना क्रूर न बन, अब बहुत हुआ इंतज़ार में । कुछ निःशब्द से हो गए हैं ये रिश्ते ।
क्यों आज ये वक़्त थम नहीं रहा है , क्यों आज ये पुरानी यादें दिला रहा है । आज अपना पुराना रास्ता क्यों दिख रहा है ? आज मन बहुत बेचैन हो रहा है । क्यों ऐसा आज ये हुआ है ? पुरानी यादें वास्तव में लौटना चाहती हैं शायद । असमंजस में फँस सी गई हूँ आज ।
Love , Affection and motivation.. Without u I can't imagine my single minute of life . What I m , where I m today and where I will be tomorrow , because of u only .. I don't know how I will repay u what u did for me ... Love u maa ❣️❣️❣️💞💞
कितना भी क्यों न करलो तुम किसी के लिए । कितना भी क्यों न वक़्त देदो किसी को । कितना भी मान देदो तुम परायों को । एक न एक दिन वो अपने पराए होने का परिचय देदेते हैं ।