मुझे हार भी मंजूर है...,
जब हार में मुझे, पूरी दुनियां मेरे कदमों में मिले...!!!-
इश्क सभी को है...!!!
" भगवान " जिंदगी में किसी को भी, सब कुछ, एक साथ कभी नहीं देता...,
ये मैंने देखा भी है...,
परखा भी है...,
और समझा भी है...!!!-
कोई वापस मत आना...,
जुबान से मुकरे हुए लोग, मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं...
मुझमें सिर्फ एक ही बात अच्छी है...,
मैं घटिया भी बेहद हूं , और बढ़िया भी बेहद...!!!
-
मैं भगवान से भी हारा हूं , और सैतान से भी...,
मैं जानवर से भी हारा हूं , और इंसान से भी...,
मैं जान से भी हारा हूं , और जहां से भी...,
मैं मेहनत से भी हारा हूं , और किस्मत से भी...,
मैं वक्त से भी हारा हूं , और बेवक्त से भी...,
मैं प्यार से भी हारा हूं , और नफरत से भी...,
मैं अपनो से भी हारा हूं , और गैरों से भी...,
मैं हार के भी हारा हूं , और जीत के भी...,
मैं हर रास्तों में हारा हूं , और बिन रास्तों में भी...!!!
" मतलब सिर्फ इतना है कि इस दुनिया में जिस्म एक पिंजरा है और रूह एक कैदी...!!! "
-
जिनको किस्मत की मार ना लगी हो, सिर्फ़ वही मेहनत के नाम के, ज्ञान पे तांडव करते है...,
पर " मेहनत और किस्मत " दोनों " रूह और जिस्म " के जैसा है, किसी एक के ना होने से कोई किसी काम का नहीं रह जाता...
किस्मत की मार अक्श और शख्स दोनों को मिटा देता है...!!!
" और वैसे भी मेहनत पे ज्ञान सिर्फ success होने के बाद ही दिया जाता है चाहे तो कोई भी हस्ती उठा के देख लो...!!! "
इंसान को किस्मत के लिए खुदा से प्रार्थना करनी चाहिए,
और प्रार्थना करने के लिए उतना ही मेहनत...,
मेहनत भी इतना के जो किस्मत आप मांग रहे हो उसको संभाल सको...!!!-
जी हां, गिरा हुआ तो हूं मैं...,
जो किसी को गिरने ना दिया...।।।-
दिमाग तो कहता है इतना घटिया हो जाऊं, की...
ना आंखों की आंसू दिखाई दे, ना दिल की बक** सुनाई दे...!!!-
जितने उजाले थे सब अंधेरे हो गए...,
अब अंधेरों से भी आगे जाके रोशनी देखने की चाहत है मुझे...!!!-
अपना सब कुछ खोया हूं, बचाने की चाह में...,
अपने आपको भी...!!!-