Dîkshä Sâblê  
40 Followers · 22 Following

Joined 20 February 2018


Joined 20 February 2018
5 JAN 2022 AT 9:15

।।प्रेमिका के कप में बची इक घूँट चाय को
प्रेमिका की हथेलियों पर गिराकर
प्रेमिका की हथेलियों पर अपने होंठों के स्पर्श से
उस इक घूँट चाय को पीकर
प्रेमिका के माथे का चुम्बन करकर
अपनी प्रेमिका को अपनी बाहों में लेकर
अपने प्रेम का इजहार करे
ऐसे प्रेमी की तलाश हर प्रेमिका को होती है।।

-


26 DEC 2021 AT 16:19

।।ना इक़रार है ना इंकार है
उफ्फ्फ
तुम्हारा ये कैसा प्यार है
प्यार🤔
है भी या नही
ये भी तो इक सवाल है।।

-


26 DEC 2021 AT 16:18

।।तुम मेरे हो या नही पता नहीं
पर तुम्हे देखने की चाहत हर पर बढ़ती है
बस एक बार तुम्हारा दीदार करना चाहती है येआँखे
और हर बार परिस्थितियाँ रोक लेती है तुम्हारे पास आने से
कभी कभी सोचती हूँ,
कि जब तुमसे मिल पाने में इतनी रुकावटें आरही है,
तो तुम्हें चाहना तो जंग लड़ने जैसा होगा।।

-


20 JAN 2021 AT 19:15

उससे ना मिलने का पक्का इरादा करके
फिर,
उससे मिलने का बहाना ढूँढती हूँ

-


20 JAN 2021 AT 15:31

।।तुझसे दूर ना हो जाऊं ये डर सताने लगा है
और तेरे करीब ना आ पाऊँ ये डर अब जाने लगा है
किस्मत का नही पता जाना
पर ये दिल अब तेरे अहसास से धड़कने लगा है।।

-


16 JAN 2021 AT 13:00

सबके सामने,
चुपके से☺️
मेरी कलाई 😲
पकड़कर,😍
जो तुम मुझे
रोकते हो न🤗
अच्छा लगता है...❤️
🙈🙈🙈

-


22 JUN 2020 AT 10:52

।।जब भी लिखने बैठती हु आपके बारे में,
शब्द ही नही मिल पाते
हर तरफ खोजती हूँ आपको
आप नजर ही नही आते।।

।।सारे रिश्ते पूरे है बस,
एक आपका साथ अधूरा रह गया।।

।।होंठो पर मुस्कान हरदम है
बस दिल से मुस्कुराना अधूरा रह गया।।

।।सारे रिश्तो को संभाल लिया,
बस आपका अपनी बेटी को संभालना रह गया।।

।।सब कहते है समझदार हो गयी हूँ मै,
पर मेरा आपके सामने नासमझ बनना एक ख्वाब रह गया।।

।।सबकी जिद को पूरा करने लगी हूँ आजकल
बस जहाँ खुद जिद कर सकूँ वो रिश्ता अधूरा रह गया।।


Miss uuhh papa 🙂

-


19 JUN 2020 AT 0:57

।।न जाने क्या हुआ है,बस तन्हा है मन
हार गई हूँ अब बस, जीने का नही है मन।।

-


4 JUN 2020 AT 0:02

।।ना जाने किस बात का डर है
जो ये दिल इतना बेचैन है।।

-


3 JUN 2020 AT 23:37

शाम होते ही अहसास की महक से भर जाता है मन
शाम होते ही तेरे ख्यालो में खो जाता है मन
शाम होते ही तेरे आने का इन्तेजार होता है
शाम होते ही ये दिल बेकरार होता है
ये शाम शीतल सी मेरा मन तेरे मिलन को बेचैन सा
ये शाम खूबसूरत सी मेरा दिल बहका सा
ये सुहानी शाम तेरे मेरे दरमियाँ इन दूरियों को कम करती है
ये शाम हमे एक दूसरे के और करीब लाती है
इसीलिए मुझे शाम का इंतजार होता है

-


Fetching Dîkshä Sâblê Quotes