ये कहां डूब रही हूं मैं?
ना तुम आओगे बचाने के लिए
ना खुद को बचाना चाह रही हूं मैं-
दो लोगों की consent,
दो लोगों की हामी ज़रूरी है
लेकिन उस rel... read more
वो दुकान आज भी अपनी लगती है
आखिरी बार तुम्हारे लिए गुलाब लिया था जहां से-
उस रास्ते से वापिस लौट आने में
जहां तुमने अलविदा कहा था
वापिस अपनी दुनिया आने में
देर हो जाती है अक्सर...-
तुम्हारे शहर का प्लेटफार्म छूट रहा था
या तुमसे मेरा रिश्ता टूट रहा था ??
ये उलझन समझ नहीं पाई मैं उम्र भर
आखिरी छोर तक तुम्हारी पीठ देखती रही
क्यो देखा नहीं तुमने मुझे पलट कर???-
तुम और मैं एक दूसरे से
बात किया करते हैं
तुम्हारे लिए वहां दिन को
रात किया करते हैं-
उसके जाने के बाद भी
ख़ुद पर उसका ही हक़ माना था
इक उसका हक मिटाने के लिए
गैर से जिस्मानी रिश्ता भी बनाया था-
मुझसे अलग हो कर किसी और का हो जाने तक
जाने कैसे तुमने अपना बिस्तर बदल लिया
हम उसी चादर बिस्तर और सिरहाने पे सोया करते हैं
था जहां तुमने मुझे हमेशा के लिए अपना कर लिया
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सुनो!क्यों छोड़ा तुमने मुझे
किसी और का होने के लिए
उसने अपनी बाहों में लिया मुझे
बीच रास्ते निचोड़ कर छोड़ने के लिए
सुनो! आज तुम याद आ रहे हो मुझे
तुम्हारा मेरा ना हो पाने के लिए
उधार ही सही अपना सीना दे दो मुझे
ये बोझ आखिरी बार हल्का करने के लिए
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