दीक्षा साह   (शायरा,,, 📖🖋( दीक्षा साह))
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fakira
Joined 31 December 2018


fakira
Joined 31 December 2018
11 JUN 2020 AT 14:09

हाथों पर पढ़े छाले कहती हैं,
उँगलियों मे लिखते लिखते हुआ दर्द कहती हैं,
पथरों से भी ज्यादा खुरदुरे हाथों का दर्द जो सहती हैं,
जीतने की होड़ मे,गिर के रगड़ की भी टीस सहती हैं,
रेखाएँ क्या कुछ नही कहती हैं,
मेहनत, लगन, सपने, खुद से बनाई किस्मत, ये सब कहती हैं,
रेखाएँ सब कुछ कहती हैं।

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10 JUN 2020 AT 20:19

वो मुझे हमेशा से याद है।
या बातें सुनाने आये हो,
तो,ये भी कौन सी नई बात है।

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10 MAY 2020 AT 21:32

क्यों लोग अल्फाज़ों को समझने का एक जरिया बना लेते है।
ना जाने क्यों गमों को ही आग का दरिया बना लेते है।
यूँ तो नही कुछ खास इन शब्दों में
फिर भी दूसरों पर विश्वास करने का एक तरीका बना लेते है।
क्यों मोहोब्बत से लोग रुस्वाई का रिश्ताबना लेते हैं।
टूटे दिल को नुमाईश का नज़रिया बना लेते है।
यूँ तो बिताए होते है खुशियों के हसीन पल भी मोहोब्बत मे
फिर भी लोग मोहोब्बत को बावफ़ाई का नतीजा बना लेते है।

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10 MAY 2020 AT 19:55

मेरे मौला यूँ इम्तेहान न ले मेरे सब्र का
एक रोज़ ऐसा ना हो,
तुझे ही अफसोस होने लगे तेरे बंदे की बंदगी पर।

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10 MAY 2020 AT 19:36

Today is my day

I'm waiting for this day
it's cames midnight in the rain
my happiness have not to bounded
enjoying in the full of shouted.

Emptiness feeling without him
can't live without to see him
happiness were lost in the dark
my day, my likes, my future
spoil in this task.

Today is special for me
my life, limb and soul
on the hoof in me
pray to god forever wish
make a part of him
in the last breath of dreams

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10 MAY 2020 AT 19:29

Mom she is loving or sweet. everytime she try to learnt me. thanks to god for makes her, always she thinking about me. she sacrifices many thinks for just to happy both of us me and my lil bro. she is the only one who believe on me. A very want of a human is independence and i have never ask her for this. she is my backbone. she teach me how to be brave or to be love in the same time. What ever i'll say about her, it seems measly toward her.

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10 MAY 2020 AT 19:16

ये गमों का सेलाब भी यूँ टूटा है मुझ पर,
टूटा भी कुछ नही और हम बर्बाद भी हो गए।

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8 MAY 2020 AT 19:43

राह-e-मंजिल

मुश्किलों से सीखना है बहुत कुछ
अपने दम पर कर दिखाना है बहुत कुछ
दुनिया की परवाह नही मुझे
खुद को साबित करके बताना है बहुत कुछ
जानती हूं आसां नही राह मंजिल की
पर काटों पे भी चल के पाना है बहुत कुछ
जिंदगी तो अजमाईश का दूसरा नाम है
पर हर मुसीबत से सीखना है बहुत कुछ
मुसाफ़िर हुँ इस दुनिया में
राहों को मिला कर बनाना है बहुत कुछ
भटकते-भटकते ही सही
बुलंदियों को छु कर जीत जाना है बहुत कुछ।।

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8 MAY 2020 AT 10:43

अब तो लगता है दूर है तो ही ठीक हैं।
साथ होते तो भी, साथ नही होते।

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7 MAY 2020 AT 19:11

Every person
could light up
their own soul
Deeksha shah

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