ख्याल कुछ यूं आया अचानक...के जिंदगी की कुर्सी पर बैठे हैं हम,मौत के इंतजार में..। -
ख्याल कुछ यूं आया अचानक...के जिंदगी की कुर्सी पर बैठे हैं हम,मौत के इंतजार में..।
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ए खुदा, बेशक गिरा देना बुलंदियों से मुझे तू...।बस इतना ध्यान रखना ..गिरू तो मां की गोद में गिरू...। -
ए खुदा, बेशक गिरा देना बुलंदियों से मुझे तू...।बस इतना ध्यान रखना ..गिरू तो मां की गोद में गिरू...।
इस भीड़ पर न यकीं करना कभी...एसा अकेला छोड़ेगी एक दिन....जिंदगी भी साथ नहीं देगी...।और तेरी तन्हाई मौत से यारी कर लेगी..। -
इस भीड़ पर न यकीं करना कभी...एसा अकेला छोड़ेगी एक दिन....जिंदगी भी साथ नहीं देगी...।और तेरी तन्हाई मौत से यारी कर लेगी..।
भीड़ से लड़ जीत हासिल की....शाम ढले अकेलेपन से हार गया..। -
भीड़ से लड़ जीत हासिल की....शाम ढले अकेलेपन से हार गया..।
और जो भटकने पर साथ छोड़ दे...वो हमराही कैसा...🙃 -
और जो भटकने पर साथ छोड़ दे...वो हमराही कैसा...🙃
गर जान कर मजबूरियां मेरी, तुम.... रोकते हमें, रुक जाते हम....कोई यूंही जाने के लिए जिंदगी में नहीं आता....। -
गर जान कर मजबूरियां मेरी, तुम.... रोकते हमें, रुक जाते हम....कोई यूंही जाने के लिए जिंदगी में नहीं आता....।
मोहब्बत की "आंच" फिर न लगेगी अब.....किसी ने "राख" को जलते देखा कभी ..??? -
मोहब्बत की "आंच" फिर न लगेगी अब.....किसी ने "राख" को जलते देखा कभी ..???
ए जिंदगी,कहीं तू न रूठ जाना मुझसे.......मैं तुझे मना लूं , अब इतनी हिम्मत नहीं..। -
ए जिंदगी,कहीं तू न रूठ जाना मुझसे.......मैं तुझे मना लूं , अब इतनी हिम्मत नहीं..।
रिहा किया जिसने दर्द की ज़ंजीरों से...वही तनहाई की सलाखों में कैद कर गए...। -
रिहा किया जिसने दर्द की ज़ंजीरों से...वही तनहाई की सलाखों में कैद कर गए...।
बदल गया खुशी का मतलब इन दिनों... सुबह की भीड़ ने सिर्फ हंसी देखी...शाम की तनहाई अक्सर आंसू देखती है...। -
बदल गया खुशी का मतलब इन दिनों... सुबह की भीड़ ने सिर्फ हंसी देखी...शाम की तनहाई अक्सर आंसू देखती है...।