Digambar pratap Singh   (Digambar Pratap Singh)
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Simply Amazing ❤️
Joined 19 June 2020


Simply Amazing ❤️
Joined 19 June 2020
6 SEP 2021 AT 12:12

Sub: Next level Love

डोर रिश्तों का अब बंधने सा लग गया है!
प्यार से ज्यादा अब उनका गुस्सा हो गया है।

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13 MAY 2021 AT 19:04

Sub: Aadat

अब आदत सी हो गई है उनके बिना ना रहने की
अब आदत सी हो गई है घंटों उनसे बातें करने की
अब आदत सी हो गई है हर लम्हें में उनके दीदार की
अब आदत सी हो गई है हर सांस में उनके नाम की
अब आदत सी हो गई है उनकी हर खुशी में खुश हो जाने कि
अब आदत सी हो गई है उनके खुश्बू में खो जाने कि
अब आदत सी हो गई है उनको अपनी आदत बना के रखने की

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1 MAY 2021 AT 1:06

Sub: *ढाई* आखर प्रेम के

कभी इश्क़ था इतना उनसे की कुछ भी कर गुजरने को तैयार थे हम!!!
कम्बक्त वक़्त उतना ही ले लिया उन्होंने कि अब कुछ भी ना कर पाए हम...

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26 APR 2021 AT 10:31

Sub: Hamein Pasand Hai (P-1)

उनके गालों का वो तिल, हमें पसंद है
उनका वो शर्मा के मुस्कुराना, हमें पसंद है
बातों बातों में यूं आंखों को मिचकाना, हमें पसंद है
कुछ भी ना केह के अपनी आंखों से सब कुछ केह जाना, हमें पसंद है
चलते चलते यूं उड़ते हुए जुल्फों को संवारना फिर उन जुल्फों का मेरे चेहरे से छू जाना, हमें पसंद है
गुस्से में जब होते हैं फिर आंखों पे उनके एक ख़ामोशी सी छा जाती है, फिर प्यार से दो बातें करके उनको मनाना, हमें पसंद है, हां हमें वो पसंद हैं . .... ...

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2 MAR 2021 AT 23:11

Sub: Galiyan vs Vaadiyan

Hum kahaan *Amsterdam* ki vaadiyon ki baat karte rahe
Wo kahaan *Dharawi* ki galiyon me reh gyi

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28 FEB 2021 AT 12:43

Sub: Meri Pehli Daaru

याद है मुझे वो शाम जब दोस्तों ने मुझे अपने साथ बिठाया था
फिर खुद अपने हाथों से मेरा पहला पेग बनाया था
बोला था कुछ ना होगा झट से गटक जा एक घूंट में तू
गर ना पिया आज की शाम तो अच्छी वाली सुनेगा तू
लेना पड़ा वो घूंट मुझे अपनी यारी के नाम
और फिर ऐसे हुई दारू की मेरी पहली शाम

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8 FEB 2021 AT 18:13

Sub: Muqammal-E-Ishq

कुछ कदम मेरे साथ चलो
दिल अपना राहों में बिछा देंगे
समझ ना सकी गर तुम अपनी आंखों से कुछ कभी
दिल से सब कुछ बयां कर देंगे
ख़ामोश है मेरी राहें जिंदगी की
इनमे अब तुम्हारा साथ चाहिए
बेशुमार बेहिसाब इश्क़ है तुमसे
मुकम्मल -ए- इश्क़ के लिए तुम्हारा बस तुम्हारा प्यार चाहिए

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23 DEC 2020 AT 22:19

मौका भी मिला नहीं मनाने का उनको
बिना रुठे, जुदा हो गए वो हमसे

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13 OCT 2020 AT 12:09

Sub: ISHQ @ 3AM

हम उनके जवाब का इंतजार करते रहे
वो सो गए
बिना हमें जताए की इश्क उनको भी इतना ही है हमसे
या सिर्फ इश्क की बातें ही पसंद है उनको

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14 JUL 2020 AT 12:35

Sub: इश्क़ का जनाजा

ना जाना उन गलियों में फिर से ए गालिब
क्यूंकि वहां तुम्हारे इश्क़ का जनाजा तुम्हारे वफाओं ने उठाया था

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