Emotion और Expectation शब्द में कोई समानता नहीं है
लेकिन समानता उनके अर्थ में है क्योंकि दोनों ही बहुत दुख देते हैं अगर कोई उन्हें तोड़ता है 😊-
@luniwalkuldeep
My mood depends on you -
swings gloomy if you are sad
and i fill with joy ever you smile..😊-
ना चाह कर भी मुझे सब बताना पड़ता है
है चाहतें कितनी तुमसे मेरी, ये तुमसे जताना पड़ता है
मिलकर भी हजारो दफाँ तुमसे, तुमको ये समझा ना सका मैं
कि तू जरूरत है मेरी, ये तो मंदिर में बैठ कर भगवान को भी याद दिलाना पड़ता है
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लिखता हूँ जब कुछ कागज पर तेरे लिए
तो यार मेरे तू मुझसे भी प्यारा लगता है...
चूम लेता हूँ मैं रूह तेरी हर एक बात की
जज्बातों से तो यार मेरे तू कच्चा लगता है ...
चाहता हूँ बताना तुझको तेरे सच सारे
पर क्या करूं हरकतो से तू यार मेरे मुझसे भी बच्चा लगता है...
खुदा से मांगा हुआ हर एक ख्वाब मेरा तू हकीकत सा लगता है...
सच कहूँ तो यार तू इस दुनिया की भीड़ में अपना सा लगता है...💖
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मायाविनी है वो
हमे अपनी बातों में उलझा रही है वो...
ये कातिल हुस्न क्या हुआ
अपने हुस्न के जलवे दिखा रही है वो...
अदाए हजार है जनाब उसकी ...
बस आँखों से ही दिल चुरा रही है वो...
-✍Kuldeep Luniwal-
कहते है लोग...
हजारों की भीड़ में भी
तुम्हे किसकी कमी खलती है...
तेरे चाहने वाले हैं ही इतने
फिर तुम्हे किसकी जरूरत पड़ती है...
अब उन पागलों को कौन समझाए की...
भीड़ हजारों में भी
आँखे बस उसको तकती है...
जिसकी एक झलक पाने को
दीदार में तो मेरी साँसे भी पल भर रूकती है...
- ✍ Kuldeep Luniwal
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शायद रास्ता दिखाने वाले बहुत मिल जाएंगे...
लेकिन इस दुनिया में पिता ही वो इंसान है जो
तुम्हारी मंजिल के लिए स्वयं रास्ता बनने को भी तैयार है ।।-
न जाने क्यों जीने नही देती ये दुनिया
चैन से हमे अपने हिसाब से...
रोकते है लोग रास्ता हमारा फिर न जाने
किस ख्वाब से...
हम तो जानकर भी अनजान है हसरते उनकी,
उनकी सूरत इस नादान से...
सायद लूटना चाहते है लोग खुशियाँ हमारी
जो मिलती है हमें इस सदाबहार से...-
न जाने क्यों इतना सताने लगे हो..
बात - बात पर आजकल रुलाने लगे हो...
यु तो नहीं थे पहले तुम...
आज भलाह क्यों हर बात पर आजमाने लगे हो...-