Dhruvawrites   (dhruva)
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Joined 15 August 2020


Joined 15 August 2020
25 DEC 2021 AT 21:54


काश! कोई कहता,
आ तुझे सीने से लगा लू,
तेरे दर्द को अपना बना लू।
कि इतनी शिद्दत से महफूज़ कर लू तुझे,
कि तेरे दर्दो को तुझे बिना पता चले ही चुरा लू।।

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22 DEC 2021 AT 22:58

उंगलियों पर,
उन लोगों ने भी नचाया,
जिनके बुरे वक्त में,
हमने साथ निभाया।।

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24 JUL 2021 AT 12:51

मोहब्बत तो बेवजह किया, एक वादा है।
जिसमें एक की गलतियों को,
दूसरा माफ कर दिया करता है।
वक्त के साथ ख्वाहिशों का बढ़ना,
कोई बड़ी बात नहीं होती।
बात तो बड़ी तब होती है,
जब हम ख्वाहिशों के लिए ये वादा तोड़ देते हैै।
हमें कोई ऐसा शख्स मिल जाता है,
जो हमारी इन कमी को पूरा कर देता है।
और हम उस शख्स का साथ छोड़ देते है,
जिसे कभी हमने इन सभी ख्वाहिशों से ज्यादा मांगा था।
फिर हमें हमारी गलतियों के लिए सज़ा नहीं मिलती,
मिलती है, उस शख्स की दर्द भरी एक मुस्कान।
जो सारी ख्वाहिशों के पूरा होने के बाद भी,
जिन्दगी में एक कमी बनकर हमें हमेशा खलती रहती है।

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6 JUL 2021 AT 21:25

हर किसी को फिक्र है, अपनी और अपनो की।
वरना अपनों से दूर कभी, कोई साथ नहीं होता।
कोई तो गलती करते है हम, जो सज़ा मिलती है हमें,
वरना बचपन में चूमा था, जिनके हाथों को,
उनको दर्द देने वाला, कोई बाप नहीं होता।
शायद समझने में गलती करते है हम, अपनो की परिभाषा
वरना अपने मुंह का निवाला भी, हमें खिलाने वाली माँ,
हमारा हाल भी न पुछे, ऐसी भी कोई बात हो जाऐगी,
दिल को विश्वास नहीं होता।
गैरो को मनाते मनाते हम, अपनो को भूल जाते है।
लेकिन हम ही ये नहीं समझ पाते,
कि अपनों में सिर्फ हमारे माँ- बाप ही आते है।
अगर सोचा होता, माँ- बाप को खुश रखने का ख्याल दिल में,
तो कर दें असफल इस जिन्दगी में तुम्हें,
ऐसा कोई हालात नहीं होता।

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2 JUL 2021 AT 18:43

देख आज कैसे खड़ा हूँ मैं,
तेरे लिए तो खुद से भी लड़ा हूँ मैं।
तेरी हर गलतियो को हंसकर संभाल लेता था मैं,
आज देख मुझे, तुझे हर बार समझाने की
गलती कर बैठा हूँ मैं।
तुझे सबका ख्याल आता है,
पर तेरी परवाह सिर्फ करता हूँ मैं।
हर बार तेरी गलतियों को नजरअंदाज किया मैनें,
और आज तेरी ही नजरों से नजरअंदाज हो गया हूँ मैं।
मेरी बातों को अक्सर टालकर
खुद को मुश्किल में डालती है तू,
देख आज बिन कुछ कहे गलत साबित हो गया हूँ मैं।
और हर बार यूँ जो तू मांगती है, माफी मुझसे
लगता है इश्क़ नहीं तेरा, माफीनामा बन गया हूँ मैं।
तेरे अच्छे के लिए समझाता था तुझे,
गलती थी मेरी, खुद की नजर में शायद
कुछ ज्यादा ही भला बन गया था मैं।

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1 JUL 2021 AT 22:31

एक जोड़ा हसीन है।
रोज़ रुठने, मनाने वाला यकीन है।
मेरा मित्र एक जाट है,
भई गजब के उसके ठाठ है।
प्रेमिका उसकी एक पहाड़ी है,
एक नन्हे बच्चे सी प्यारी है।
जोड़ा हो, तो इनके जैसा,
लगते एक साथ ऐसे, जैसे
हरे पहाड़ो का सफ़र, और थार की सवारी है।
वो करती बच्चों सी नादानी ,
तो ये समझाया करता है।
पर क्या करें, जाट है,
तो थोड़ी आवाज़ इसकी भारी है।
मैंने देखा है, थोड़ा गुस्सा कर देता है,
पर उसका गुस्सा देख, ये पहाड़न भी करती तैयारी है।
ऐसा ही देखता हूँ मै इनको रोज़,
आज इसकी तो कभी उसकी,
एक दूजे को मनाने की बारी है।
लगता पल भर का साथ इनका,
पर नहीं, शायद किसी ने गौर नहीं किया
इनको तो एक दूजे के बिना,
पल भर भी साँस नहीं आ रही है।
और हँसते हँसते गुज़ार लो ये हसीन सफ़र,
तुम हमेशा साथ रहो यही दुआ हमारी है .... J❤S✨

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29 JUN 2021 AT 20:11

Ishq hua surat se,
Dil ka kya kasoor.
Mili toh sirf aakhne thi,
Jubaan ka kya kasoor.
Dhokha diya kisi saksh ne,
Toh isme ishq ka kya kasoor.
Yuh hi badnaam krdete hai log ishq ko,
Umar beet jati hai,
kisi ek lamhe ko smbhaalne me.

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27 JUN 2021 AT 22:34

Long distance relationship
Waise toh kuch alag nhi hai isme,
Pr bahut kuch alag hai.
Jb sb baatein krte hai,
time spend krte hai,
Tb hum bss yaadon me rhte hai.
Apni aakhen nam krke kisi k sath hone ki dua krte hai.
Logo ke dhokhe dekh dekh kr,
Apne hi partner se loyal hone ka sawal krte hai.
Waqt sath humara beet nhi pata.
Pr ek dusre ko khub smjhte hai.
Khushi ke pal me uski kami,
Dukh me uska sath sb kuch bss khamoshi se sahte hai.
Kahne ko toh duri bahut hai hum me,
Magar hum dur hokr bhi bahut pass rhte hai.......❤✨

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23 JUN 2021 AT 13:30

अब तेरी याद नहीं आती ।
बहुत सताती थी ये रातें,
अब आराम से है सो जाती ।
कि अब तेरी याद नहीं आती।
मौसम की तरह बदलता तेरा मिज़ाज
अक्सर मुझे सताया करता था ।
पर अब जब मैं बन्द रखता हूँ खिड़की दिल की,
तो गर्मी हो या सर्दी, सब खामोश हो जाती ।
क्योकि अब मुझे तेरी याद नहीं आती ।
हवाओ में तेरी छुअन,
लोगो के बीच अकेलापन,
कोई भी हो बात
अब चाहकर भी मुझे ठेस नहीं पहुँचाती,
क्योकि अब मुझे तेरी याद नहीं आती ।

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18 JUN 2021 AT 21:48

वो मोहब्बत करते है हमसे
पर न जाने क्यों मैं, जान न पाया ।
दुनिया भर का गुस्सा निकालते है, वो मुझ पर
और कमबख्त मैं उन्हें, मना भी न कर पाया ।
दुसरो की सच्चाई उनकी नज़रों से पड़कर बतलाता था उनको,
फिर भी मैं उनको कभी कुछ समझा नहीं पाया ।
माना नादानी है उनमें, शायद वो सोचे उससे कुछ ज्यादा
मेरी बात गलत, और अपनी बात को ही सही करना उन्हें बखूबी है आता।
उनके हर एक अल्फाज़, जिनमें उन्होनें खुद को कोसा है
आजतक अपनी गलती मान कर मैं उनको भूला नहीं पाया ।
पहले उनकी सांसों से उनका हाल जान लेता था मैं,
आज उनकी बेहालत देख कर मैं, सांस ही नहीं ले पाया ।
लगता है उनको कुछ ज्यादा ही समझ लिया मैनें,
इसीलिए हर की हुई गलती को, उन्होनें फिर से है दोहराया ।

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