"When you do things from your soul,you feel river flowing in you,a Joy"
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सुन लिया राग प्रकृति ने
अलाप और संताप प्रकृति ने
किंतु जीवन अचल नही है
परिवर्तन ही इसका नियम है
मानव को हाथ बढ़ाना होगा
छलांग गगन में लगाना होगा
रुकी हुई जिंदगी अंत नहीं है
ये किस्सा में एक अल्पविराम है
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कुछ उम्मीद थी
मन्नत के कुछ धागे थे
पतझड़ में भी कुछ फूल खिले थे
बड़े जतन से रोका था
आंखों में एक सागर था
कुछ सागर थे जो मरुस्थल हो गए
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How sun brightly shines in the sky
I just want to write the sorrow sung by firefly-
अपने हिस्से की धूप न सही
पर उदास आंखों को अपनी मुस्कान देना
न हो सके मुमकिन दे पाना दुनिया जहां की नेमतें
फिर भी काली रातों में किसी का उजाला बनें-
और दिल बेहद ख़ामोश है
ये काली रात में कश्तियां हम कहां पे छोड़ दे
होगी सुबह और धूप भी आएगी
कुछ पल ठहर , और खुशियां भी मुस्कराएगी।-
अभी रुकी है जिंदगी
की कुछ घाव बहुत गहरे है
ये काली रात को पता नही
हम सूरज की खोज में निकले है
मुट्ठी में सितारें है लेकिन
पांव पे अभी पहरे है
कुछ दर्द मुझमें ठहरे है
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दिल में उतर
रात को भीगी पलकों से झाड़ जाती है
सफ़र में सुबह होगी
एहसास दिल को दे जाती है-