हर ओर उदासी हैं छायी
हर जगह सिर्फ तुम्हें ढुंढ रहा हूं
कमबख़्त मन हैं कि मानता हीं नहीं
हमेशा के लिए तुम दूर हुए
यहीं अधूरी पर मेरी कहानी है।-
Dhiraj Mali
(ViJAYSut)
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A student, a learner, a human.
Joined 13 April 2019
11 SEP AT 17:46
31 AUG AT 20:28
तु आजमाईश की बात ना कर बंदे
यह रिसाइक्लिंग का जमाना चल रहा है।
Recycling = पुनर्चक्रण-
23 AUG AT 22:35
तुम हो
यहीं बात बड़ी है।
तुम साथ ..
होते तो और अच्छा होता।
तुम खुश हो ..
तुम खुश रहो बस यहीं कहना था।
तुम्हारे दुःख ..
तुम्हारे ना रहें यहीं रब से कहा है।
तुम्हारी आकांक्षा ..
तुम्हें बहुत ऊपर ले जाएं
तुम दूर हो ..
पास होते तो जाने ही नहीं देता।
तुम खुलें आसमान में ..
गरुड़ के भाती उंचा उड़ना।
-
22 AUG AT 13:58
It flows like water
and blows like wind
Read it with mind
You will get kind.-
22 AUG AT 13:52
मेरी शायरी तुम हों
मेरी सादगी तुम हों
कैसे भुलाऊं तुम्हें
तुम तो मेरी बंदगी हों।
-
28 JUN AT 20:00
मैं
अपनी राधा का कृष्ण
नहीं बन पाया
किंतु मैं
अपने श्याम की मीरा
अवश्य बनके रहूंगा।-