दाएं-बाएं ,सीधा तो कभी उल्टान जाने कितनी करवटें बदली,न जहन से तुम्हारा ख्याल उतरानाही नींदों ने आंखो में जगह ली.. -
दाएं-बाएं ,सीधा तो कभी उल्टान जाने कितनी करवटें बदली,न जहन से तुम्हारा ख्याल उतरानाही नींदों ने आंखो में जगह ली..
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तुम हँसे प्यार से बोलेऔर हम प्यार समझ बैठेनादान, तुम्हारे फरेब कोहम एतबार समझ बैठे.. -
तुम हँसे प्यार से बोलेऔर हम प्यार समझ बैठेनादान, तुम्हारे फरेब कोहम एतबार समझ बैठे..
चलो इस बार फिरकुछ इस तरह, एक हो जायेके जिस्म तुम रहोऔर हम, तुम्हारी परछाई हो जाये... -
चलो इस बार फिरकुछ इस तरह, एक हो जायेके जिस्म तुम रहोऔर हम, तुम्हारी परछाई हो जाये...
Happy diwali -
Happy diwali
अब जब तुम ज़िन्दगी से चले गए हो तो हम बस इतने से खफ़ा हैँ तुमसे के तुम कभी ख्वाबों मे आ जाते हो तो हम करवटे बदल नींद तोड़ देते है... -
अब जब तुम ज़िन्दगी से चले गए हो तो हम बस इतने से खफ़ा हैँ तुमसे के तुम कभी ख्वाबों मे आ जाते हो तो हम करवटे बदल नींद तोड़ देते है...
तेरे बगैर मैंने तुझे कितना जाना है ज़िद्द करता रहूँगा, की तुझे पाना है मुकद्दर मे मेरे, तू हो या ना हो, मैं अपनी कोशिश करता रहूँगा और तुझे अपनी करते जाना है.. -
तेरे बगैर मैंने तुझे कितना जाना है ज़िद्द करता रहूँगा, की तुझे पाना है मुकद्दर मे मेरे, तू हो या ना हो, मैं अपनी कोशिश करता रहूँगा और तुझे अपनी करते जाना है..
मैं नही जनता की तुम क्या और किसमे मशरूफ हो, पर तुम्हे भी नहीं मालूम की तुम किससे महरूम हो.. -
मैं नही जनता की तुम क्या और किसमे मशरूफ हो, पर तुम्हे भी नहीं मालूम की तुम किससे महरूम हो..
कुछ मंजर रह गये हैं हमारे कारनामो के मेरी आँखों मे सोने नहीं देते उन्हें खोना चाहता हूँ !जब तन्हा रातो मेकभी नींदआये तब पलकों को आँखों पर बिछा कर सोना चाहता हूँ!तुम मुझको क्यों बाटती हो मुझी से हरपल ये बता दो मैं तो बस खुद का होना चाहता हूँ.. -
कुछ मंजर रह गये हैं हमारे कारनामो के मेरी आँखों मे सोने नहीं देते उन्हें खोना चाहता हूँ !जब तन्हा रातो मेकभी नींदआये तब पलकों को आँखों पर बिछा कर सोना चाहता हूँ!तुम मुझको क्यों बाटती हो मुझी से हरपल ये बता दो मैं तो बस खुद का होना चाहता हूँ..
जिसको दिल-ओ -जान से चाहो वो मिलता नहीं हैं जो मिलता हैं उसकी कभी चाह ही नहीं होती | आँखें जिसके लिए रोइ उसने कभी इसे पोछा नहीं जिसने आँसुओ को पोछा उसके लिए कभी रोइ नहीं |जिससे हम अधूरे थे उसने मुकम्मल किया ही नहीं, जिससे मुकम्मल थे उसको कभी भाव दिया ही नहीं |जिसने नींदो को उड़ाया उसने कभी सुलाया नहीं जिसने हमें सुलाया उसके लिए कभी जगे ही नहीं |जिसकी तलाश थी दरबदर उसने रास्ता दिखया नहीं जिसने ज़िन्दगी के सारे रास्ते दिखाये उसे सर झुकाया ही नहीं |जिसका हाथ पड्कना था उसने हाथ आगे बढ़ाया ही नही जिसकी उम्रभर ऊँगली पकड़ी उसका साथ निभाया ही नहीं | -
जिसको दिल-ओ -जान से चाहो वो मिलता नहीं हैं जो मिलता हैं उसकी कभी चाह ही नहीं होती | आँखें जिसके लिए रोइ उसने कभी इसे पोछा नहीं जिसने आँसुओ को पोछा उसके लिए कभी रोइ नहीं |जिससे हम अधूरे थे उसने मुकम्मल किया ही नहीं, जिससे मुकम्मल थे उसको कभी भाव दिया ही नहीं |जिसने नींदो को उड़ाया उसने कभी सुलाया नहीं जिसने हमें सुलाया उसके लिए कभी जगे ही नहीं |जिसकी तलाश थी दरबदर उसने रास्ता दिखया नहीं जिसने ज़िन्दगी के सारे रास्ते दिखाये उसे सर झुकाया ही नहीं |जिसका हाथ पड्कना था उसने हाथ आगे बढ़ाया ही नही जिसकी उम्रभर ऊँगली पकड़ी उसका साथ निभाया ही नहीं |
मिलो तुम हमसे तुम्हारे हुस्न कि एक एक बारीकियां बता दूंगा कभी बैठो मेरी कलम के सामने मैं तुम्हे खुदा बना दूंगा -
मिलो तुम हमसे तुम्हारे हुस्न कि एक एक बारीकियां बता दूंगा कभी बैठो मेरी कलम के सामने मैं तुम्हे खुदा बना दूंगा