उलझी हुई ज़िंदगी
और थके हुए हम .
ढेर सारी चाय
और सारे मसले खत्म ..-
dheeraj pandey
(DHEERAJ Pandey)
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अक्षरों को पिरो के वाक्य नित बनाता हूँ,
कुछ दिल से
तो कुछ दिमाग से
लिख जाता हूँ
कुछ बीत रही... read more
कुछ दिल से
तो कुछ दिमाग से
लिख जाता हूँ
कुछ बीत रही... read more
Joined 21 May 2020
12 APR 2024 AT 6:42
नवरात्रों मे वो खूब अच्छी लगती हैं।
बदन पर सूट और सर पर दुपट्टा रखती हैं
क्या बताऊं उनके चेहरे का नूर,
ऐसा लगता है मां दुर्गा की कृपा सीधा उनपर बरसती है ।।-
17 FEB 2024 AT 22:26
जिन्दगी में भागते हुए
एक हाथ मिलेगा,
थामना उसे और
ठहर कर जी लेना जिन्दगी।।-
1 DEC 2023 AT 21:31
Every Night I Open my phone's
Hidden Gallery Just To Feel You Are Here With Me-