माटी ही शुरुआत है
माटी ही अंत
माटी का कोई अंत नहीं-
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एक दिन तो मरना ही है
उसी दिन मरना।
तुम रोज मरते हो
और हमें रोज तुम्हारे मरने का शोक मनाना पड़ता है।-
मेरी लव स्टोरी ख़त्म होने के लिये तो शुरू नहीं हुई होगी!
कोई भी लव स्टोरी ख़त्म होने के लिये तो शुरू नहीं होती!
जो ख़त्म हो जाये वो लव स्टोरी ही नहीं होती!
होती है क्या?-
सफ़र में आगे निकल रहा हूँ,
एक दिलचस्प मोड़ पीछे छूट रहा है,
वो बहुत याद आयेगा।-
केवल हम ही हैं जो अपने सफ़र के शुरुआत से अंत तक बने रहते हैं।
दूसरे लोग तो बस हमारे सफ़र में जुडते हैं और बिछड़ते हैं।
हमारे सफ़र की पूरी कहानी बस हम जानते हैं।
यदि कोई हर हाल में पूरे सफ़र भर साथ रहे तो वही हमसफ़र कहलाता है और हमारी कहानी जान पाता है।
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दिन में पचास दफ़ा भूल जाता हूँ,
कि अब वह नहीं है।
और पचास दफ़ा याद आ जाता है,
कि अब वह नहीं है।।
एसा लगता है,
कि वह यहीं-कहीं है।
फिर याद आता है,
कि वह कहीं नहीं है।।
कभी लगता है,
कि कहीं गयी होगी तो आ जायेगी अभी।
फिर याद आ जाता है,
कि वो जहाँ गयी है वहाँ से नहीं आयेगी कभी।।
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किसी एक ही शख्स से प्यार करते रहना
मजबूरी नहीं choice है मेरी
और उस शख्स से दूर रहना
choice नहीं मजबूरी है मेरी।-
मैं अब वह नहीं रहा
जिसे किसी से प्यार हुआ था
वह भी अब वह नहीं रही
जिससे मुझे प्यार हुआ था।-
जागो जागो जागो!
सुबह हो गई जागो!
भागो भागो भागो!
सपनों के पीछे भागो!-