तुम मिलो तो हम शाम ले आते हैं..
होश में क्या कहेंगे हम जाम ले आते हैं..
इतने अरसे से तन्हा रहकर थक चुके हैं हम,
तुम साथ बैठो तो हम आराम ले आते हैं...!!-
... दिल लिखता हूँ
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लो साल बदल गया..
तुम्हारा भी हाल बदल गया..
पहले ज़िक्र - फ़िक्र - वफ़ाऐ सब हुआ करती थी,
अब यूँ है की वो सवाल बदल गया...!!-
तुमने वो वादा किया था..
जब हमने मिलने का इरादा किया था..
लोग तो सिर्फ करते रहे रूह से रूह तक की बात,
हमने तो अपना जिस्म भी आधा किया था...!!-
वो पूछले मुझसे कि.. मेरा हाल कैसा है..
उससे दूर हूँ दिल में ये मलाल कैसा है..
कि.. वो तो सिर्फ चंद लम्हें की नाराज़गी थी तुझसे,
तुझसे नाराज़ हूँ ये सवाल कैसा है..!
कि.. अभी तो हल्दी-मेहंदी बहुत दूर हैं तुझसे,
फिर ये पायलों का बवाल कैसा है...!!-
मोहब्बत को परेशान थोड़ी किया जाता है..
मोहब्बत करके एहसान थोड़ी किया जाता है..
दिल की गुफ़्तगू दिल तक ही रहने दो,
सरेआम करके आसमान थोड़ी किया जाता है...!!-
ये मोमबत्तियां तेरे नाम से लगा रहा हूँ..
एक दो नहीं इन्हे शाम से लगा रहा हूँ..
देख.. तेरी सारी गलतियाँ भूल गया मैं,
और अपनियों का हिसाब मैं आराम से लगा रहा हूँ...!!-
तुम तक पहुँचा तो था मैं,
लेकिन उलझ नहीं पाया..
फिर एक तुम्हारे जाने के बाद,
किसी और को समझ नहीं पाया...!!-
मैं मिलूँगा तुझे इस शहर के हर इक कोने में..
थोड़ी देर तू भी लगाना मुझे खोने में...!!-
उसकी गली से गुज़र आया मैं..
जिस घर से गया था उसी घर आया मैं..
कि.. बरसों से जो जख्म रखे थे दिल ने,
मिल कर उससे, उनको भर आया मैं...!!-
कोई सार लिखा होगा..
मोहब्बत का व्यापार लिखा होगा..!
कि.. इतना करीब से कौन जाता है ऐ खुदा,
उसका मुझ पर कोई उधार लिखा होगा...!!-