लकीरों में लिखा कबुल है अब सुधर ना जाए कुछ,
बस अब कोई अपना बना कर मुकर ना जाए ।-
Dhara
(Dhara)
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Deeds decide destiny
Joined 3 July 2020
6 SEP AT 11:34
लिखने है बहुत जिंदगी के हादसे अफ़साने,
पर कलम, दिल, दर्द, किताबें सब खामोश है-
25 MAY AT 22:33
अत्र शिव तत्र शिव,
जगतगुरु परमेश्वर सर्वत्र शिव,
चारों लोक का तात्पर्य शिव,
सर्व जीव का आशय शिव,
भोले भक्तो के देव सदैव शिव,
ज्योतिषी के आधार शिव,
शुभ कलश की वसोधार शिव,
काल में चंचल नही वो महाकाय शिव,
देवो के देव का आशय शिव,
सम्पूर्ण ब्रह्मांड का रूप शिव,
लय एवम प्रलय का स्वरूप शिव,
जन्म पुनर्जन्म का आदि शिव,
अंत आरंभ में अनादि शिव।
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