Dhara   (Dhara)
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Deeds decide destiny
Joined 3 July 2020


Deeds decide destiny
Joined 3 July 2020
13 HOURS AGO

लकीरों में लिखा कबुल है अब सुधर ना जाए कुछ,
बस अब कोई अपना बना कर मुकर ना जाए ।

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10 SEP AT 13:33

किसी के वास्ते राहे कहा बदलती है,
तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो

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8 SEP AT 20:51

बस इतना मुनाफा कमाया मोहब्बत में,

अब रोता है कोई मेरी यादों मे भी ।

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6 SEP AT 11:34

लिखने है बहुत जिंदगी के हादसे अफ़साने,

पर कलम, दिल, दर्द, किताबें सब खामोश है

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4 SEP AT 12:02

मैं जैसा किताबों में लिखती थी,
वाकई में ऐसा प्रेम कही नहीं होता।

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13 AUG AT 19:15

कितनी रफ्तार से गुजर रही है जिंदगी,

कमबख्त फिर भी ख्वाबों में आ रहा है तू।

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29 JUN AT 10:45

फिर कर्जदार अपना कर्ज भूल जाए,
कीसी पर इतना एहसान नहीं करना।

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25 MAY AT 22:33

अत्र शिव तत्र शिव,
जगतगुरु परमेश्वर सर्वत्र शिव,
चारों लोक का तात्पर्य शिव,
सर्व जीव का आशय शिव,
भोले भक्तो के देव सदैव शिव,
ज्योतिषी के आधार शिव,
शुभ कलश की वसोधार शिव,
काल में चंचल नही वो महाकाय शिव,
देवो के देव का आशय शिव,
सम्पूर्ण ब्रह्मांड का रूप शिव,
लय एवम प्रलय का स्वरूप शिव,
जन्म पुनर्जन्म का आदि शिव,
अंत आरंभ में अनादि शिव।











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18 MAR AT 21:49

ईश्वर सत्य है,
सत्य ही शिव है,
शिव ही सुंदर है,
सत्यम शिवम् सुंदरम।

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18 MAR AT 21:11

Believe in karma...

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