खामोशियां नजर झुका भी रही है,
और नजर मिला भी रही हैं ,
समझ नहीं आ रहा आपको हमारे पास ला रही हैं
या फिर और दूर कर रही हैं।-
सदियोंसे औरतों पर मर्दों के जुल्म चलते आ रहे हैं कितनी तो बिखर गई, कितनी तो टूट कर मर गई, और ना जाने कितनी तो मार दी गई तब तो समाज के कुछ लोग छोड़ बाकी तो सो रहे थे।
फिर आज कुछ कुकर्मी औरतोंने कुछ मर्दों को मार दिया तो पूरा औरत समाज बदनाम हो गया।
जब मर्द जुल्म करता तो सिर्फ उसे ही दोषी ठहराया जाता है और कोई एक औरत जुल्म करे तो पूरी नारी जाती पर उंगली उठाई जाती है।-
कह नहीं सकते कौनसी मुलाकात किससे आखिरी होगी।
इसलिए जिससे भी मिलो हस कर मिलो,
दो शब्द प्यार से कहो,
न जाने कौनसा शख्स तुम्हें आखिरी दफा मिले!
फिर तो कोई कितना भी तरसे एक झलक पाने के लिए उसका कोई मोल नहीं।-
When you want to do something and people, society try to change your mind ,put you down,or stop you doing that you do. then don't stop.
surely you do the things that people don't want because they also knows you are master in that and you will successfully accomplish your goals.
-
इश्क तुम जितनी चाहे उतनी बार कर लो,
पर सच्ची 'मोहब्बत' तो सिर्फ एक बार ही होती हैं-
मांगने से ना मिले तो छिनना पड़ता है,
ये अधिकार का दौर है,
अपने हक के लिए खुद ही खड़े होके लड़ना पड़ता हैं।-
जो लोग कह रहे हैं ,
आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता,
वो जरा इतिहास पर गौर करें,
पढ़े इतिहास और बताए,
सदियों से किस धर्म का हम पर
अत्याचार चल रहा है?
मां पदमावती को जौहर किसके कारण करना पड़ा था।
छत्रपती संभाजी महाराज पर यूं अमानवीय अत्याचार किस धर्म के शासकने किया था।
सम्राट पृथ्वीराज चौहान को किसने मारा था?
गुरु गोविन्द सिंहजी सिखों के धर्म गुरु उनको भी उसी धर्म के लोगों ने मारा था।
कुछ लोग अच्छे होंगे भी,
पर आतंकवाद का धर्म है और वो सदियों से हैं अपने अलग अलग रूप में पहले मंगोल,खिलजी फिर मुगल और अब पाकिस्तान,ISI जैसे कई आतंकवादी संगठन
उन लोगों का लक्ष्य एकही है : उनका धर्म पूरे दुनिया में राज करे।
इसलिए पहचानो इनको।
llजय श्रीरामll
⛳छत्रपती शिवाजी महाराज की जय ⛳
-
देश सीमा के पार दुश्मनोंसे युद्ध करने तत्पर खड़ा है
फौजी छुट्टियां छोड़ देश पर मर मिटने को तैयार हैं
और यहां लोग अब भी तेरी जाती या मेरी जाती करने में ही लग रहे हैं।-
जे सच्चे मुस्लिम असतील त्यांना त्यांचा धर्म सोडू वाटत असेल, ज्या धर्मा मुळ निष्पाप लोकांना मारलं जात जिवानिशी फक्त ते हिंदु आहेत म्हणून अशा धर्मात खरच किती घुसमट असेल, इस्लाम धर्मातच नेहमी आतंकवादी आहेत कधी एकल का आतंकवादी अजुन इतर कोणत्या धर्माचे आहे!
ह्या लोकांना शांतता आवडतच नाही फक्त
दहशतीच्या जोरावर धर्म कधीच उंच जात नाही उलट त्याची अवहेलनाच होते...-