गिरगिट भी रंग बदलता है
ये कभी न जान पाते यदि
उसे विभिन्न रंग की टहनियों पे
बैठा न देख पाते।-
Dhananjay Kumar
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Joined 11 April 2020
14 MAR AT 19:00
12 FEB AT 10:53
हम वर्तमान को जीते समय भूल जाते हैं कि
यादें अच्छी होंगी या बुरी इसी पे निर्भर करतीं हैं।-
2 FEB AT 11:53
नाराजगी नहीं है किसी से भी
बस थे कुछ लोग ख़ास
जो हो गए मेरी नजरों में
अपनी हरकतों से आम।-
28 JAN AT 18:09
इस फ़रेबी दुनियां में
वफ़ा ढूंढने चला था मैं ,
जहां सारे ज़ख्म भरने का वादा कर
ला – इलाज़ दर्द दे जाते हैं लोग।
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21 DEC 2024 AT 16:45
ना पूछो यूं ग़ुमशुम रहने का सबब
कह दूं तो तुम्हें खो दूं
ना बोलूं तो मैं.. मैं ही न रहूं-
4 SEP 2024 AT 21:03
6 AUG 2024 AT 12:38
खुद को समेट लिया है मैंने खुद में
पूरी दुनिया है मेरी
मैं ही मेरी दुनिया।-
10 DEC 2023 AT 21:23
कभी कभी बिन मांगे ही मिल जाती हैं खुशियां
कभी कभी मांगे मौत मयस्सर नहीं होती-
15 OCT 2023 AT 0:29
सब पूछते हैं मुँह फेर लेने का सबब
मैंने कहा
अब वो मेरी इक नज़र के लायक नहीं रहे-